भोपाल।  मध्यप्रदेश की जनजातियों के जीवन, देशज ज्ञान, कला परंपरा और सौन्दर्यबोध की विशिष्टता को स्थापित करने तथा उसकी बहुरंगी, बहुआयामी संस्कृति को बेहतर रूप से संयोजित करने का कार्य मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में किया गया है। वर्ष में संग्रहालय का समय परिवर्तन किया जाता है जिसमें 01 नवंबर, 2023 से (मंगलवार से रविवार तक) संग्रहालय का समय दोपहर 12 बजे से शाम 07 बजे  एवं 1 फरवरी से अक्टूबर, 2024 तक दोपहर 12.00 बजे से रात्रि 08.00 बजे तक दर्शकों एवं पर्यटकों के लिये खोला जाय़ेगा। संग्रहालय की विभिन्न दीर्घाओं में मध्यप्रदेश के जनजातीय समुदायों के आवास की वास्तुगत, शिल्पगत और व्यवहारगत रूपों को प्रदर्शित किया गया है। संग्रहालय में 6 अलग-अलग कलाओं शिल्प माध्यमों की दीर्घाएं हैं, जिनमें जनजातीय जीवन की झलक, उनके परिवेश, खेल, संस्कृति, देवलोक आदि देखने को मिलते हैं। प्रत्येक दीर्घा में जिज्ञासुओं, शोधार्थियों के लिए कियोस्क स्थापित किए गए हैं जिससे उस दीर्घा विशेष के बारे में हिंदी अथवा अंग्रेजी में विस्तार से जाना-समझा जा सकता है।