रायपुर: छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा के कर्रेगुट्टा इलाके में सुरक्षा बलों द्वारा चलाए गए अब तक के सबसे बड़े नक्सल विरोधी अभियान ने नक्सल नेटवर्क की कमर तोड़ दी है। 22 अप्रैल से शुरू हुए इस अभियान में अब तक 31 नक्सली मारे गए हैं, जिनमें 17 महिला नक्सली और 14 पुरुष नक्सली शामिल हैं। बीजापुर एसपी जितेंद्र सिंह ने बताया कि 28 नक्सलियों की पहचान कर ली गई है। बाकी की जानकारी जुटाई जा रही है। कई बंकर और नक्सली ठिकानों को नष्ट कर दिया गया है। 

छत्तीसगढ़ के डीजीपी अरुण देव गौतम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि तकनीकी फील्ड इनपुट जुटाकर एक टीम बनाई गई थी। इनपुट मिलने के बाद 24 घंटे तक एनालिसिस किया गया। इसके बाद ऑपरेशन लॉन्च किया गया। पहाड़ी पर चढ़ने और उतरने के रास्ते में लगाए गए आईईडी को डिफ्यूज किया गया। पहले जवानों को सूचना दी गई और फिर ऑपरेशन लॉन्च किया गया। पहाड़ी की चोटी पर बेस बनाया गया। साथ ही एक हेलीपैड भी बनाया गया है। 

5000 फीट ऊंची पहाड़ी पर छत्तीसगढ़ पुलिस का पराक्रम

कर्रेगुट्टा की पहाड़ी 5000 फीट से भी ज्यादा ऊंची (5000 फीट ऊंची पहाड़ी) है, जहां पहुंचना बेहद चुनौतीपूर्ण है। यहां करीब 280 किलोमीटर लंबी पहाड़ियों की श्रृंखला फैली हुई है जो छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र को जोड़ती है। इस बीहड़ इलाके में बरसाती नाले ही पानी का स्रोत हैं, जिससे ऑपरेशन और भी मुश्किल हो गया।

आईईडी ब्लास्ट में जवान घायल

अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन के दौरान आईईडी ब्लास्ट की वजह से 8 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं। इसके बावजूद फोर्स का मनोबल ऊंचा है और ऑपरेशन जारी है। सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस इस ऑपरेशन का नेतृत्व कर रही है। शुरू में बताया गया कि तेलंगाना पुलिस और महाराष्ट्र की सी-60 फोर्स भी ऑपरेशन का हिस्सा है। लेकिन बाद में दोनों राज्यों के एएसपी ने पुष्टि की कि उनकी यूनिट ऑपरेशन में शामिल नहीं है। तेलंगाना के चेरला का इस्तेमाल सिर्फ लॉन्च पैड के तौर पर किया जा रहा है।