भोपाल । राजधानी में नवरात्रि की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। आगामी 26 सितंबर को माता रानी की प्रतिमा की स्थापना विधि-विधान से की जाएगी। इसी दिन से शहर में झांकियां रंग बिरंगी रोशनी से झिलमिलाने लगेंगी। शहर भर में सात सौ से भी अधिक स्थानों पर सार्वजनिक रूप से विराजेगी। झांकियों का निर्माण कार्य भी अंतिम चरण में चल रहा है। राजधानी के ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, चार नवरात्र होते हैं। इनमें चैत्र और आश्विन महीने में प्रकट नवरात्रि होती है। वहीं माघ और आषाढ़ महीने में आने वाली नवरात्र को गुप्त माना जाता है। आश्विन शुक्ल पक्ष एकम (प्रतिपदा) सोमवार 26 सितंबर को शुक्ल एवं ब्रह्म योग के साथ शुक्र व बुधादित्य योग में शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ होगा। चौघड़िय़ानुसार सोमवार 26 सितंबर को सुबह छह बजे से 7:30 तक अमृतकाल, सुबह नौ से 10:30 बजे शुभ। दोपहर में 1:30 से तीन चर, तीन से 4:30 बजे लाभ, 4:30 से छह बजे अमृत, शाम छह से 7:30 चर, रात्रि 10:30 से 12 बजे 'लाभ पूजा के साथ शायन आरती होगी। स्थिर लग्न सुबह 9:49 से 12:6 बजे 'वृश्चिक, दिन में 3:58 से 5:31 'कुंभ, रात्रि 8:42 से 10:41 वृष लग्न उपरोक्त समय में घटस्थापना के साथ पूजा शुरू करें। मातारानी की सवारी हाथी पर होगी। नौ दिवसीय पर्व के दौरान मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलेगी। मंदिरों में लगातार नौ दिन होने वाले अनुष्ठानों की शहर में गूंज रहेगी। राजधानी के भवानी चौक पर कफ्र्यू वाली माता, माता मंदिर, मां पहाड़ा वाली मंदिर कोलार, शाहजहांनाबाद में मां भवानी के मंदिर की विशेष विद्युत साज-सज्जा सहित अन्य तैयारियां चल रही हैं। न्यू मार्केट व्यापारी महासंघ द्वारा रोशनपुरा पर बन रहे कुबेरेशवर धाम के लिए कलाकार अनूप डे ने 32 फीट लंबी व 21 फीट ऊंची शिव-पार्वती की प्रतिमा बनाई गई है। प्रतिमा बनाने में बांस, मिट्टी, अलग-अलग रंग व श्रृंगार की सामग्री इस्तेमाल की गई है। शिव-पार्वती के साथ ही अन्य देवी-देवता की छोटी-छोटी प्रतिमाएं बनाई गई हैं।राजधानी में इसके लिए अलग-अलग कलाकारों ने मातारानी की प्रतिमाएं बनाई हैं। पांच से 51 फीट ऊंची तक मां दुर्गा, माली की प्रतिमाएं कोलकता से आने वाले कलाकारों ने बनाई हैं। इसके अलावा चल झाकियों के लिए देवी-देवताओं की भव्य प्रतिमाएं बनाई गई हैं।