पशुपालन मंत्री पटेल ने कहा कि मुख्यमंत्री दुधारु पशु प्रदाय कार्यक्रम में गाय के साथ भैंस भी शामिल
फरवरी 23, संत रविदास जयंती 5 फरवरी से शुरू हुई विकास यात्रा की श्रृंखला में विकास यात्रा के 19 वें दिन पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि मुख्यमंत्री दुधारु पशु प्रदाय कार्यक्रम में गाय के साथ भैंस भी शामिल हितग्राही अंशदान राशि 25 प्रतिशत से घट कर 10 प्रतिशत हुई बैगा के साथ सहरिया और भारिया जनजाति को भी मिलेगा लाभ
राज्य शासन ने “मुख्यमंत्री दुधारू गाय प्रदाय कार्यक्रम’’ को संशोधित करते हुए “मुख्यमंत्री दुधारू पशु प्रदाय कार्यक्रम’’ के रूप में लागू किया है। कार्यक्रम में अब हितग्राही की मंशा अनुसार दुधारू गाय के अलावा भैंस भी प्रदाय की जा सकेगी। साथ ही कार्यक्रम का लाभ अब विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के साथ सहरिया और भारिया को भी मिलेगा। इन जनजातियों की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए हितग्राही अंशदान की राशि 25 प्रतिशत से घटा कर 10 प्रतिशत कर दी गई है।
पशुपालन एवं डेयरी मंत्री प्रेमसिंह पटेल ने कहा है कि प्रति पशुपालक 2 दुधारू पशु गाय/भैंस दी जाएगी। कार्यक्रम में 90 प्रतिशत शासकीय अनुदान और 10 प्रतिशत हितग्राही अंशदान होगा। क्रय किये गये सभी पशुओं का बीमा होगा। मिल्क रूट और दुग्ध समितियों का गठन मध्यप्रदेश दुग्ध महासंघ और पशुपालन विभाग द्वारा किया जायेगा।
वित्तीय वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिये 750-750 गाय-भैंस प्रदाय का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये 29 करोड़ 18 लाख रूपये का प्रावधान किया गया है। गाय प्रदाय के लिये एक लाख 89 हजार 250 रूपये और भैंस के लिये 2 लाख 43 हजार रूपये की राशि निर्धारित की गई है। गौ प्रदाय में एक लाख 70 हजार 325 रूपये शासकीय अनुदान और शेष 18 हजार 925 रूपये हितग्राही अंशदान होगा। भैंस प्रदाय में 2 लाख 18 हजार 700 रूपये का शासकीय अनुदान और मात्र 24 हजार 300 रूपये हितग्राही का अंशदान होगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य दुग्ध उत्पादन और पशुओं की दुग्ध उत्पादक क्षमता में वृद्धि, रोजगार के नवीन अवसर द्वारा हितग्राहियों की आर्थिक स्थिति में सुधार और उच्च उत्पादक क्षमता के गौ-भैंस वंशीय पशुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा के लिये 6 जिले डिण्डोरी, उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, मण्डला और बालाघाट, भारिया के लिये छिन्दवाड़ा और सहरिया जनजाति के लिये ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, श्योपुरकला, मुरैना और भिण्ड जिले में कार्यक्रम क्रियान्वित होगा। हितग्राही को आवेदन निर्धारित प्रपत्र में अपने निकटतम पशु चिकित्सा संस्था या दुग्ध सहकारी समिति को देना होगा। चयन के बाद हितग्राहियों को पशुपालन, पशु आहार और पशु प्रबंधन प्रशिक्षण के साथ परिचयात्मक दौरा भी करवाया जायेगा।
सुनीता दुबे