इंदौर ।   पटवारी परीक्षा के परिणाम जारी होने के बाद सामने आए विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहे। नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन ने अब नया खुलासा किया है। कुछ अभ्यर्थियों के प्रवेश पत्र सार्वजनिक करते हुए आरक्षण का गलत लाभ लेने का आरोप भी लगाया गया है। यूनियन ने जो प्रवेश पत्र जारी किए हैं, उसमें जो अभ्यर्थी पटवारी परीक्षा में तो दिव्यांग श्रेणी में शामिल दिख रहा है। वहीं वन रक्षक भर्ती परीक्षा में सामान्य यानी फिजिकल फिट श्रेणी में है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने चयनित सूची की नियुक्ति पर रोक लगाने का आदेश पहले ही जारी कर चुके हैं। नेशनल एज्युकेटेड यूथ यूनियन इससे पहले पटवारी भर्ती परीक्षा में घोटाले का आरोप लगाते हुए बड़ा प्रदर्शन कर चुकी है। इंदौर कलेक्टर कार्यालय पर हजारों छात्रों ने प्रदर्शन किया था। इसके बाद शाम को ही भर्तियों पर भोपाल से रोक लगी थी। यूनियन के मनराजसिंह ने सोमवार सुबह कुछ प्रवेश पत्र जारी किए।

इसमें अभ्यार्थी योगेश शर्मा, आकाश शर्मा, मुकेश गुर्जर, अविनाश रावत व अन्य अभ्यार्थी शामिल हैं। ये सभी अभ्यार्थी पटवारी और ग्रुप-चार के पदों की परीक्षा में फिजिकल हेंडीकैप्ड यानी दिव्यांग श्रेणी में शामिल हुए हैं। खास बात है कि इस समूह के परिणामों में पटवारी और समग्र सामाजिक सुरक्षा अधिकारी के लिए इनमें से कुछ के नाम मेरिट सूची में भी शामिल हुए हैं। दूसरी ओर जेल प्रहरी और वन रक्षक के लिए हुई परीक्षा में इन सभी के प्रवेश पत्रों पर सामान्य श्रेणी नजर आ रही है। यानी किसी तरह की दिव्यांगता या नि:शक्तता से ये प्रभावित नहीं है। यूनियन के अनुसार, इन प्रवेश पत्रों और परिणाम से धांधली साफ उजागर हो रही है, क्योंकि वन रक्षक, जेल प्रहरी वर्दी वाले पद हैं। इनमें फिजिकल टेस्ट होता है और दिव्यांगता स्वीकार नहीं है। पटवारी और दूसरे पदों में इन अभ्यार्थियों ने दिव्यांगता का लाभ लेते हुए फर्जी सर्टिफिकेट लगाए। इसमें से एक अभ्यार्थी योगेश शर्मा तो दिव्यांग के लिए आरक्षित पद समग्र सामाजिक विस्तार अधिकारी की मेरिट सूची में पहले स्थान पर है। ये पोस्ट दिव्यांग के लिए आरक्षित थी। स्पष्ट है कि भर्ती परीक्षाओं में जमकर घोटाले हो रहे हैं।