• सरकारी भवनों का मेंटेनेंस अब संबंधित विभाग ही करेगा
  • अब तक पीडब्ल्यूडी ही करता था रखरखाव


भोपाल । शासकीय भवनों के मेंटेनेंस का काम अब संबंधित विभागों को सौंपा गया है। इसके पहले सालों से यह जिम्मेदारी पीडब्ल्यूडी संभाल रहा था। विभागों द्वारा कराए जाने वाले कामों पर जिला प्रशासन की नजर रहेगी। यानी मेंटेनेंस के नाम पर कोई विभाग फर्जीवाड़ा नहीं कर सकेगा। दरअसल, बारिश में हर साल जिले के शासकीय दफ्तरों, बंगलों एवं क्वार्टर्स की छतों से पानी टपकने की समस्या खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। इस मामले में अपर कलेक्टर पवन जैन ने बताया कि प्रदेशभर में शासकीय भवनों की मररम्मत का काम पीडब्ल्यूडी करता आया है, लेकिन इस साल से सरकार ने व्यवस्था बदल दी है। इसकी मुख्य वजह यह थी कि पीडब्ल्यूडी को अकेले यह काम करने में काफी वक्त लग जाता था और छोटे विभागों के मेंटेनेंस नहीं हो पाते थे। अब सरकार ने संबंधित विभागों को मेंटेनेंस के नाम से फंड देने का फैसला किया है।

पारदर्शिता के लिए प्रशासन लेगा विभागों से हिसाब
विभाग चाहें तो खुद अपने स्तर पर सुविधानुसार भवनों का मेंटेनेंस करा सकते हैं या फिर पीडब्ल्यूडी से यह काम निर्धारित दरों (219 रु. स्क्वेयर फीट) पर करा सकते हैं। जैन ने कहा, जिला प्रशासन द्वारा मेंटेनेंस की मॉनिटरिंग की जाएगी। विभागों से उनके द्वारा कराए गए काम का हिसाब-किताब पूछा जाएगा। मेंटेनेंस राशि का उपयोग नहीं करने या दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी।