भोपाल 29 जुलाई/एनएसयूआई का विरोध प्रदर्शन नर्सिंग छात्राओं के हक में सड़क पर उतरे छात्र संगठन के कार्यकर्ता

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में मंगलवार को नर्सिंग छात्राओं के समर्थन में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) के नेतृत्व में जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। राज्य की नर्सिंग छात्राएं अपने प्रवेश एवं भविष्य को लेकर उत्पन्न संकट के विरोध में सड़क पर उतरीं। बारिश के बावजूद छात्र-छात्राएं और एनएसयूआई कार्यकर्ता डटे रहे।
विधानसभा जाने से रोका गया, सड़क पर धरना एनएसयूआई के प्रदेश और जिला पदाधिकारियों के साथ नर्सिंग छात्राएं विधानसभा की ओर बढ़ रही थीं, लेकिन पुलिस प्रशासन ने उन्हें रास्ते में ही रोक लिया। इसके बाद कार्यकर्ताओं और छात्राओं ने तेज बारिश के बीच सड़क पर ही बैठकर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार, जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर, अभय रामभक्त, सचिन भदौरिया सहित कई पदाधिकारियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
60 हजार छात्राओं के हक की लड़ाई एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार ने कहा, "यह 60 हजार नर्सिंग छात्राओं के भविष्य की लड़ाई है, जिसे सरकार नजरअंदाज कर रही है। हम सरकार की दमनकारी नीतियों के खिलाफ शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन पुलिस बल का दुरुपयोग कर हमारी आवाज को दबाने का प्रयास किया जा रहा है। हम छात्राओं के साथ हैं और रहेंगे।"
काउंसलिंग प्रक्रिया अब तक शुरू नहीं रवि परमार ने जानकारी दी कि मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल (MPESB / व्यापम) द्वारा PNST-2022 (Pre Nursing Selection Test) की परीक्षा जून 2023 में करवाई गई थी। परीक्षा परिणाम पर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने रोक लगा दी थी। हालांकि 27 मार्च 2025 को कोर्ट के आदेश के बाद परिणाम जारी कर दिया गया, लेकिन अब तक काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू नहीं हुई।
सत्र 2022-23 की सीटें खाली एनएसयूआई जिला अध्यक्ष अक्षय तोमर ने बताया कि राज्य के शासकीय नर्सिंग कॉलेजों में सत्र 2022-23 की सभी सीटें खाली पड़ी हैं। प्रवेश न मिलने से हजारों छात्राओं का अकादमिक भविष्य अधर में लटका हुआ है। "छात्राएं न्याय के लिए हाईकोर्ट, मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री तक जा चुकी हैं, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला।" – अक्षय तोमर
छात्राओं की पीड़ा: परिणाम मिला, लेकिन न्याय नहीं प्रदर्शन में शामिल छात्राओं ने बताया कि लगभग 60 हजार से अधिक छात्राओं ने PNST-2022 की परीक्षा दी थी। हाईकोर्ट की रोक के चलते दो वर्षों तक परिणाम नहीं आया। अब जब परिणाम जारी किया गया, तब भी प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं की गई, जिससे उन्हें न्याय नहीं मिल पाया। "हमें सिर्फ औपचारिक परिणाम मिला है, लेकिन हमारा भविष्य अब भी अधर में है।" – एक छात्रा
संघर्ष जारी रहेगा: एनएसयूआई
एनएसयूआई ने स्पष्ट किया कि यदि शीघ्र ही प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ नहीं की गई तो छात्र संगठन पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगा। "यह सिर्फ नर्सिंग छात्राओं का नहीं, बल्कि शिक्षा व्यवस्था की असफलता का मुद्दा है। हम इसे विधानसभा से लेकर सड़कों तक उठाएंगे।" – एनएसयूआई