भोपाल 29जुलाई/मध्य प्रदेश विधानसभा सत्र में विजय शाह को लेकर विवाद विपक्ष ने उठाए सवाल

मध्य प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री विजय शाह को लेकर तीखी राजनीतिक नोकझोंक देखने को मिली। विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक उमंग सिंगार ने मंत्री विजय शाह के उस पुराने बयान को लेकर कड़ी आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कर्नल सोफिया कुरैशी को "आतंकी की बहन" बताया था। नेता प्रतिपक्ष ने इसे न केवल अपमानजनक बल्कि सेना और देश का भी अपमान बताया।
कांग्रेस विधायक सोहनलाल वाल्मीकि ने सरकार से सवाल किया कि ऐसे मंत्री को अब तक पद से हटाने में सरकार क्यों हिचक रही है। उन्होंने कटाक्ष करते हुए सदन में कहा कि क्या विजय शाह अब सदन में मुंह दिखाने लायक भी नहीं रहे?
इस बीच, जब एससी-एसटी कल्याण समिति के सदस्यों के चुनाव से संबंधित प्रस्ताव सदन में रखा गया, तब विपक्ष ने विरोध दर्ज कराते हुए यह प्रश्न उठाया कि जब संबंधित मंत्री स्वयं सदन में मौजूद नहीं हैं, तो यह प्रस्ताव क्यों और कैसे प्रस्तुत किया जा रहा है?
संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विपक्ष पर तीखा पलटवार करते हुए कहा "सौ-सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली,"
और कांग्रेस पर सेना की बहादुरी पर सवाल उठाने का आरोप लगाया।
इस पर सदन में हंगामे की स्थिति बन गई और कुछ देर के लिए विधानसभा की कार्यवाही बाधित रही। स्थिति को संभालते हुए विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्पष्ट किया कि मंत्री विजय शाह ने संसदीय कार्य मंत्री को अधिकृत किया है, और उनकी अनुपस्थिति अध्यक्ष की अनुमति से है।
यह मुद्दा सदन की गरिमा और जनप्रतिनिधियों की जवाबदेही से जुड़ा होने के कारण राजनीतिक दृष्टि से काफी संवेदनशील माना जा रहा है। सदन में हुई यह तीखी बहस आगामी दिनों में भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बनी रह सकती है।