जबलपुर ।   रिश्वत में मिले सात लाख रुपये के साथ सेंट्रल जीएसटी के अधीक्षक कपिल कांबले समेत चार अफसरों को सीबीआइ ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। कार्रवाई मंगलवार शाम से शुरू हुई और करीब दस घंटे बाद बुधवार की सुबह तीन बजे तक चली। सीबीआइ टीम सभी आरोपित जीएसटी अधिकारी कपिल कांबले, इंस्पेक्टर विकास गुप्ता, सौमेन गोस्वामी, प्रदीप हजारी को तड़के सुबह तीन बजे गिरफ्तार कर अपने साथ सीबीआइ कार्यालय ले गई है। जिस समय सीबीआई जीएसटी अधिकारी कपिल और उनके इंस्पेक्टर को गिरफ्तार करके ले जा रही थी, उस समय सभी लोग अपना-अपना चेहरा छिपा रहें थे। इनके घरों में भघी छापामारी की गई जहां से सीबीआइ को लाखो रुपये नकद मिले हैं। आज आरोपितों को सीबीआइ विशेष अदालत में पेश करेगी जहां से रिमांड लेने की कोशिश रहेगी ताकि इनसे और भी पूछताछ की जा सके।

हो सकते हैं कई अहम खुलासेः

जानकारी के मुताबिक सीबीआई की पूछताछ में और भी कई अहम खुलासे हो सकते है। इसके साथ ही माना जा रहा है। इस कार्रवाही के बाद कई और व्यापारी अपनी शिकायत लेकर सामने आ सकते है। सीबीआइ द्वारा पकड़ा गया बड़ा रिश्वत कांड आज भी चर्चा में हैं और इसे लेकर सभी विभागों में हड़ंप की स्थिति है। जानकारी अनुसार इस रिश्वत कांड के बाद विभाग से जुड़े अन्य रिश्वतकोऱ अधिकारी परेशान हैं कि कहीं उनतक भी कार्रवाई की आंच न पहुंच जाए।

यह है मामलाः

घटना के संबंध में मूलतः राजस्थान निवासी त्रिलोक चंद्र सेन ने बताया कि नोहटा दमोह में वे पान मसाला फैक्ट्री संचालित करते हैं। फैक्ट्री का टैक्स बकाया था जिसके चलते जीएसटी अधिकारियों ने उस पर ताला लगा दिया था। बीते 19 मई को जीएसटी ने छापामार कार्रवाई करते हुए फैक्ट्री पर ताला लगाया था। जिसके बाद फैक्ट्री खोलने के लिए सेंट्रल जीएसटी के डिप्टी सुपरिटेंडेंट कपिल कामले द्वारा रिश्वत की मांग की जा रही थी। त्रिलोक ने बताया कि इस बीच उसने फैक्ट्री से संबंधित जीएसटी भी जमा कर दी। परंतु एक करोड़ रुपये रिश्वत की मांग बनी रही। वह एक करोड़ रुपये देने में असमर्थ था। उसने कपिल कांबले को बताया कि फैक्ट्री घाटे में चल रही है जिसके बाद 35 लाख रुपये रिश्वत में फैक्ट्री का ताला खोलने का सौदा तय हुआ। एक सप्ताह पूर्व उसने रिश्वत की पहली किश्त के 25 लाख रुपये कपिल कामले को दिए थे। जिसके बाद उसने फैक्ट्री खोलने का आग्रह किया। उसने यह भी बताया कि जीएसटी जमा कर दी गई है। परंतु रिश्वत के शेष 10 लाख रुपये मिलने तक कपिल कामले ने फैक्ट्री का ताला खोलने से इंकार कर दिया। जिसके बाद उसने सीबीआइ से शिकायत की। योजना के अनुसार वह रिश्वत के सात लाख रुपये लेकर सेंट्रल जीएसटी कार्यालय पहुंचा। कपिल कामले ने रिश्वत की रकम ली और सहयोगियों के साथ रिश्वत के नोट गिनने लगा। तभी सीबीआइ के अधिकारियों ने उन्हें रंगे हाथ पकड़ लिया।

रिश्वत की रकम भी गिनते थेः

शिकायतकर्ता त्रिलोक चंद्र सेन ने बताया कि उसने फैक्ट्री के मैनेजर भागीरथ प्रसाद और गिरीराज विजय के हाथ अंतिम किश्त के सात लाख रुपये थैले में लेकर सेंट्रल जीएसटी आफिस भेजा। त्रिलोक ने इस मामले में पहले ही सीबीआइ को शिकायत दी थी जिसके बाद सीबीआई की टीम भी पीछे से दफ्तर पहुंच गई। उस वक्त अधिकारी रिश्वत की रकम को गिनती कर रहे थे। बता दे कि इससे पहले भी जब 25 लाख रुपये दिए गए थे उस वक्त एक-दो नोट गिनती में अधिकारियों को कम मिले थे जिसके बाद एक-एक नोट की गड्डी को अधिकारियों ने गिना था। त्रिलोक ने कहा कि उन्होंने वाट्सअप पर जो अधिकारियों के साथ पैसे के लेनदेन का संवाद किया था उसकी रिकार्डिंग भी सीबीआइ को सौंपी है। जिसमें अधिकारी से रिश्वत लेकर फैक्ट्री को खोलने का आदेश जारी करने की बात कही गई है। त्रिलोक सेन ने कहा कि रिश्वत की रकम कपिल कावले और उसकी टीम के 11 सदस्यों ने साथ में ली।

रात में आरोपितों के घरों में की गई छापामारी, मिले लाखों रुपयेः

सीबीआई ने सर्चिंग के दौरान विकास गुप्ता के घर गढ़ा स्थित घर से 18 लाख 29 हजार 500 रुपये , प्रदीप हजारे के अधारताल, झंडा चौक के घर से 40 लाख 99 हजार 500 रुपये, कपिल कांबले के घर से 30 लाख रुपये रुपये जब्त किए है। जबकि आफिस में प्रदीप हजारे के पास से 14 लाख 99 हजार 600, दूसरे कैबिन से 18 लाख 8 हजार 200, वीरेंद्र जैन के राइट टाउन के घर से 260 लाख, विकास कुमार के पास से 1.50 लाख रुपये मिलें है।