प्रयागराज | संगम पर मकर संक्रांति स्नान की तैयारियों को देर शाम अंतिम रूप दे दिया गया। सूर्य के उत्तरायण होने पर देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 15 घाटों पर डुबकी लगाने की व्यवस्था की गई है। इस बार भी मकर संक्रांति की डुबकी दो दिन लगेगी। शनिवार की रात सूर्य उत्तरायण हो रहे हैं, स्नान सुबह से ही आरंभ हो जाएगा। लेकिन, पुण्यकाल की मान्यता रखने वाले रविवार को संक्रांति की डुबकी लगाएंगे।जगमग दूधिया एलईडी बल्बों, रंग-बिरंगी रोशनियों से संगम की रेती पर तंबुओं का भव्य नगर सज गया है। गंगा, यमुना, अदृश्य सरस्वती की गोद आस्था-विश्वास की अनंत बूंदों से भर गई है।

ज्ञान की गहरी जड़ों के रूप में विराजित अक्षय वट से लेकर त्रिवेणी, काली और गंगोली शिवाला मार्ग तक संतों, भक्तों, कल्पवासियों के लाल, पीले, नीले, हरे शिविर सजने के साथ ही माघ मेले की छटा निहारते बन रही है।शनिवार की रात 8:44 बजे सूर्य मकर राशि में प्रवेश करेंगे। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ ही खरमास उतर जाएगा। उदया तिथि की मान्यता के क्रम में पुण्यकाल रविवार की सुबह से शाम तक रहेगा। लेकिन संगम पर डुबकी शनिवार को ही लगने लगेगी।

सूर्य के उत्तरायण होने से पहले मकर संक्रांति स्नान के लिए श्रद्धालुओं का रेला शिविरों में पहुंचने लगा है।मकर संक्रांति के स्नान के लिए देश के कोने-कोने से संतों-भक्तों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो चुका है। शुक्रवार को दिन भर पांटून पुलों से कल्पवासियों के वाहन फूस, अलाव की लकड़ी और गृहस्थी के सामानों के साथ उतरते रहे। देर रात कर संतों, तीर्थपुरोहितों के शिविरों में हजारों कल्पवासियों ने डेरा डाल दिया।मेला प्रशासन ने तैयारियों को अंतिम रूप दे दिया है। संगम से लेकर ओल्ड जीटी के बीच गंगा के दोनों तटों पर 15 स्नान घाटों पर मकर संक्रांति पर्व पर स्नान होगा।

वाहनों के लिए आठ पार्किंग स्थल बनाए गए हैं। पांच सेक्टर में बसे इस मेले में 32 सौ आध्यात्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व की संस्थाओं के शिविर लगाए गए हैं।मकर संक्रांति का स्नान कोविड प्रोटोकॉल के बीच होगा। सभी 17 प्रवेश द्वारों और पार्किंग स्थलों पर थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक सेक्टर में सर्विलांस टीमें भी रहेंगी,जो मेले में आने वाले श्रद्धालुओं कल्पवासियों की आरटीपीसीआर जांच करेंगी।

संतों-भक्तों से मास्क के इस्तेमाल के लिए भी कहा गया है। इसके अलावा कोविड-19 के टीकाकरण और सैंपलिंग के लिए भी केंद्र बनाए गए हैं।माघ मेले में संतों-भक्तों की सुगम डुबकी के लिए स्नान घाटों को अंतिम रूप दे दिया गया है। इन घाटों पर संत, भक्त और कल्पवासी पुण्य की डुबकी लगाएंगे। इसके अलावा महिला श्रद्धालुओं के कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम भी बनाए गए हैं। भक्तों की मदद के लिए भी घाटों पर टीमें तैनात रहेंगी।