मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले की पूर्व मंत्री एवं भाजपा की प्रदेश प्रवक्ता अर्चना चिटनीस पर गबन का आरोप लगा है। शहर के सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे ने ये आरोप लगाए हैं। बताया कि अर्चना चिटनीस ने बुरहानपुर के किसानों के करीब 2 करोड़ और अन्य मंडियों से भी 7.50 करोड़ रुपए शुगर मिल के नाम पर गबन कर लिए हैं, जिस पर हाईकोर्ट ने अब लोकायुक्त और मध्यप्रदेश शासन को जांच के आदेश दिए हैं। कांग्रेस ने भी पूर्व मंत्री पर एफआईआर की मांग की है।

बता दें समाजसेवी बालचंद शिंदे द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर खंडपीठ को पत्र भेजकर कार्रवाई की मांग की है जो पत्र अब मध्य प्रदेश कांग्रेस ने अपने ट्विटर हैंडल पर भी पोस्ट किया है। ये पत्र ऐसे समय सामने आया है, जब कांग्रेस कमीशन वाली सरकार का मुद्दा उछाल रही है। सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे ने जनहित याचिका लगाते हुए आरोप लगाए हैं कि अर्चना चिटनीस ने स्वयं शकर कारखाने के नाम पर बुरहानपुर कृषि उपज मंडी सहित अन्य मंडियों से करीब 7.50 करोड़ रुपये लिए थे, किंतु इसके बाद ना तो मंडी नजर आई और ना ही गया हुआ पैसा, मामला वर्ष 2003 का है, जब अर्चना चिटनीस नेपानगर से विधायक थीं। अपनी विधायकी का रौब झाड़कर अर्चना ने बुरहानपुर कृषि उपज मंडी समिति सहित अन्य मंडियों से करीब 7.50 करोड़ रुपये शुगर मिल लगाने के लिए निकलवाए, लेकिन शुगर मिल लगी ही नहीं।

 मंडी का पैसा किसानों और व्यापारियों का था, जिन्होंने पहले ही अर्चना चिटनीस पर अविश्वास करके मंडी के खाते से पैसा निकालने का विरोध किया था और जब बाद में शुगर मिल नहीं लगी, तो उन्होंने अर्चना चिटनीस से पैसा वापस मांगा, लेकिन वो टालने लगीं। उन्होंने करोडो रुपये का कोई हिसाब-किताब भी नहीं दिया।मामले में बुरहानपुर के सामाजिक कार्यकर्ता बालचंद शिंदे ने लोकायुक्त में शिकायत की, लेकिन इस मामले को लोकायुक्त ने निरस्त कर दिया। इसके बाद वे जबलपुर हाईकोर्ट पहुंचे। अब इस मामले में हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए लोकायुक्त और मध्यप्रदेश शासन को सूक्ष्मता से जांच के निर्देश दिए हैं। इसके बाद समाजसेवी भालचंद्र शिंदे ने उच्च न्यायालय जबलपुर खंडपीठ को एक पत्र  भी लिखकर उक्त मामले से अवगत कराकर कार्रवाई की मांग की है जो पत्र मध्य प्रदेश कांग्रेस ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया है।