Pornography: पोर्नोग्राफी और विशेष रूप से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बढ़ती संख्या समाज में चिंता का विषय बन गया है। यह समस्याएं न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में हैं। दुनिया के कई देशों में पोर्न फिल्में पूरी तरह बैन हैं. हालांकि, कई ऐसे देश हैं जहां पोर्न फिल्में सबसे ज्यादा देखी जाती हैं. सबसे ज्यादा पोर्न फिल्में देखने वाले देशों में पाकिस्तान और चीन का नाम सबसे आगे है. सर्च इंजन गूगल के मुताबिक, पाकिस्तान में सबसे ज्यादा पोर्न फिल्में देखी जाती हैं. इंटरनेट पर पोर्न फिल्में सर्च करने वाले टॉप पांच देशों में पाकिस्तान के बाद मिस्र, वियतनाम, ईरान और मोरोक्को शामिल है. जबकि ऑफिस में बैठकर पोर्न देखने के मामले में चीन सबसे आगे है. इस मामले में दूसरे स्थान पर मेक्सिको और तीसरे पर ब्रिटेन है. ईरान में पोर्न देखने वालों में युवा वर्ग सबसे ज्यादा है. एक सर्वे में कहा गया है कि पोर्न फिल्मों का एक बड़ा दर्शक वर्ग 35 साल से कम उम्र के लोग हैं. चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बात करें तो सोशल मीडिया के दुरुपयोग और चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसे मामले ने भारत की चिंता बढ़ाई हुई है. भारत में हर साल हजारों बच्चे इसका शिकार बनते हैं. इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में कोरोना वायरस के कारण साल 2020 और 2021 में लगे लॉकडाउन ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कंजप्शन को 95% तक बढ़ा दिया है. इतना ही नहीं इसी रिपोर्ट में बताया गया कि भारत में के दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों में चाइल्ड पोर्न नाम से इंटरनेट सर्च में बढ़ोतरी हुई थी. वहीं राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के 738 मामले थे जो वर्ष 2021 में बढ़कर 969 हो गए थे.

भारत में पोर्नोग्राफी

बढ़ती सेक्स एजुकेशन के बावजूद पॉर्नोग्रफी साइट के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. सबसे बड़ी पोर्नोग्राफी वेबसाइट pornhub की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है. Pornhub की तरफ से जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार हर दिन इस पोर्न वेबसाइट पर औसतन 92 मिलियन (9 करोड़ 20 लाख) यूजर्स आते हैं. पोर्नहब की तरफ से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि पोर्न देखने के मामले में भारतीय तीसरे नंबर पर हैं. इसमें पहले नंबर पर अमेरिका और दूसरे पर इंग्लैंड का नंबर आता है. सोशल मीडिया या इंटरनेट का गलत इस्तेमाल ने न सिर्फ यूरोपीय संघ की बल्कि लगभग पूरी दुनिया की चिंता बढ़ाई हुई है. 22 नवंबर को यूरोपीय संघ के सांसदों ने अल्फाबेट की GOOGle, मेटा और अन्य ऑनलाइन सेवाओं को चाइल्ड पोर्नोग्राफी यानी बाल अश्लीलता की पहचान कर उसे सोशल मीडिया से हटाने के लिए जरूरी नियमों का मसौदा तैयार करने पर सहमति व्यक्त की है.

1. भारत में भले अकेले में पोर्न देखने में किसी तरह की कोई दिक्कत न हो, लेकिन अश्लील वीडियो या फोटो देखने, उस तस्वीर या वीडियो को डाउनलोड करने और उसे वायरल करना बड़ा अपराध माना जाता है.

2. किसी भी व्यक्ति की अश्लील तस्वीर रखने और उसे किसी भी सोशल प्लैटफॉर्म पर साझा करने पर इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67, 67A, 67B के तहत जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है.

3. इसके अलावा धारा 67 कहता है, अगर कोई व्यक्ति पोर्न कंटेंट को देखने, उस कंटेंट को डाउनलोड करने और वायरल करने पर पहली बार पकड़ा जाता है तो उसे 3 साल जेल की सजा होगा और 5 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ेगा.

4. वहीं जब वही व्यक्ति दूसरी बार ऐसा करता पकड़ा जाता तो ऐसी स्थिति में उसे 5 साल की कैद और 10 लाख रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है.

भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर कानून और चुनौतियां

भारत में पोर्नोग्राफी के दायरे में ऐसी तस्वीरें, वीडियो या ऑडियो आती है, जो नग्नता पर आधारित हो. ऐसे वीडियो या ऑडियो को सोशल मीडिया पर अपलोड करने, किसी को भेजने या किसी और के जरिए अपलोड करवाने या भिजवाने पर पोर्नोग्राफी निरोधक कानून (Anti-pornography law) लागू होता है. पोर्नोग्राफी और विशेष रूप से चाइल्ड पोर्नोग्राफी की बढ़ती संख्या और इससे जुड़ी समस्याओं का बढ़ता हुआ ज्ञान समाज में चिंता का विषय बन गया है। यह समस्याएं न केवल भारत में बल्कि पूरी दुनिया में हैं। इसके समाधान के लिए सरकारों और सोसाइटी के सभी स्तरों पर सहयोग की ज़रूरत है।

भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी के कानून

1. किसी भी नाबालिग यानी बच्चों के यौन शोषण और दुर्व्यवहार जुड़ा कोई भी वीडियो चाइल्ड पोर्नेग्राफी कहलाता है. भारत में चाइल्ड पोर्नोग्राफी को लेकर प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (POCSO) एक्ट में सख्त सजा का प्रावधान है.

2. पॉक्सो एक्ट के धारा 14 में कहा गया है कि कोई भी व्यक्ति किसी भी नाबालिग बच्चे या बच्चों को अश्लील कंटेंट के लिए इस्तेमाल करता है तो उसे उम्रकैद तक की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है.

3. पॉक्सो एक्ट की धारा 15 के अनुसार कोई भी व्यक्ति अगर चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कोई भी कंटेंट अपने पास रखता है. ऐसी स्थिति में उसे तीन साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है.

क्‍या है सजा का प्रावधान है

इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी एक्ट की धारा 67 बी कहता है कि किसी भी व्यक्ति के मोबाइल फोन में चाइल्ड पोर्नोग्राफी से जुड़ा कोई भी वीडियो या फोटो मिलता है तो पहली बार पकड़े जाने पर उस व्यक्ति को 5 साल जेल और 10 लाख के जुर्माने होगा. वहीं अगर दूसरी बार ऐसा ही कुछ करता पकड़ा जाता है तो उस व्यक्ति को 7 साल जेल और 10 लाख रुपये का जुर्माना चुकाना होगा.

आईपीसी में भी है सजा का प्रावधान

1. इंडियन पीनल कोड (आईपीसी) में भी पोर्नोग्राफी या अश्लीलता को लेकर सजा का प्रावधान है. आईपीसी की धारा 292 और 293 में इसके लिए सजा का प्रावधान किया गया है.

2. धारा 292 कहता है कि, किसी भी अश्लील वस्तुओं को बेचना, साझा करना, इसे किसी और को दिखाना या प्रसारित करना अपराध है. ऐसा करते हुए अगर कोई व्यक्ति पहली बार पकड़ा जाता है तो उसे 2 साल तक की जेल और 2 हजार तक का जुर्माना लग सकता है. वहीं अगर दूसरी बार पकड़ा जाता है तो दोषी को 5 साल तक जेल और 5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है.

3. वहीं आईपीसी की धारा 293 कहती है कि, 20 साल से कम उम्र के किसी भी व्यक्ति को अश्लील वस्तु दिखाना, बेचना, किराये पर देना या बांटना अपराध है. अगर कोई इसका दोषी पाया जाता है तो पहली बार में उसे 3 साल तक की जेल और 2 हजार रुपये की सजा का प्रावधान है. दूसरी बार एक बार फिर वही व्यक्ति दोषी पाया जाता है तो उसे 7 साल तक की जेल और 5 हजार रुपये के जुर्माने की सजा हो सकती है.

भारत में पोर्नोग्राफी से निपटने में क्या चुनौतियां है

भारत में यौन संबंध को नकारात्मक रूप में देखा जाता है. हमारे देश में सेक्स बच्चों को यौन संबंध से जुड़ी कोई भी जानकारी में बाहर, अपने दोस्तें से ही या पोर्न वीडियो देखकर ही मिलती है. यही कारण है कि बच्चों को एक उम्र में पोर्नोग्राफी की लत लग जाती है. इसके अलावा सरकार के सामने एक और समस्या ये है कि एजेंसियों के लिये चाइल्ड पोर्नोग्राफी की गतिविधियों का पता लगाना और उन पर प्रभावी ढंग से निगरानी रखना बहुत मुश्किल है.