उज्जैन ।    विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू हो गई हैं। मंदिर समिति अब मंदिर के बाहर भीड़ प्रबंधन के लिए अधोसंरचना का विकास करने में जुटी है। इसके लिए हरसिद्धि चौराहा से बड़ गणेश होते हुए 4 व 5 नंबर गेट का उन्नयन होगा। यह काम इसलिए भी जरूरी है कि 1 जनवरी के दिन हरसिद्धि चौराहा पर भीड़ का अत्यधिक दबाव होने से महाकाल दर्शन करने के बाद श्रद्धालु चारधाम मंदिर के सामने बने जूता स्टैंड पर नहीं पहुंच पाए थे। नतीजतन सैकड़ों श्रद्धालु जूते चप्पल छोड़कर गंतव्य को रवाना हो गए।

मंदिर प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया चारधाम मंदिर के सामने नवनिर्मित शक्तिपथ, श्री महाकाल महालोक, मान सरोवर फैसिलिटी सेंटर तथा टनल 1 व 2 के रूप में हुए निर्माण कार्यों की बदौलत एक दिन में 18 से 20 लाख भक्तों को सुविधा से भगवान महाकाल के दर्शन कराए जा सकते हैं। 31 दिसंबर व 1 जनवरी को दो दिन में 10 से 12 लाख भक्तों ने सुविधा से भगवान महाकाल के दर्शन किए हैं। जबकि दोनों दिन उपलब्ध सुविधाओं का आधी क्षमता के साथ उपयोग किया गया था। महाशिवरात्रि पर 15 से 20 लाख भक्तों के आने का अनुमान है। ऐसे में अब बाहर भीड़ प्रबंधन के इंतजाम किए जा रहे हैं। इसके लिए हरसिद्धि चौराहा से बड़े गणेश होते हुए 4 व 5 नंबर गेट का विकास कराया जाएगा। 8 मार्च को महाशिवरात्रि तक नए निर्माण का 90 फीसद काम पूरा हो जाएगा।

29 फरवरी से शिवनवरात्र, दू्ल्हा बनेंगे महाकाल

ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में 29 फरवरी को फाल्गुन कृष्ण पंचमी से शिवनवरात्र का शुभारंभ होगा। पुजारी भगवान महाकाल का दूल्हा रूप में श्रृंगार करेंगे। मंदिर में नौ दित तक शिव विवाह उत्सव मनाया जाएगा। 8 मार्च महाशिवरात्रि तक भगवान का नितनए स्वरूप में शृंगार होगा। शिवनवरात्र में भोग आरती व संध्या पूजन का समय भी बदलेगा।

महाशिवरात्रि पर लगातार 42 घंटे होंगे दर्शन

8 मार्च को महाशविरात्रि पर महानिषाकाल में महाकाल की महापूजा होगी। भक्तों को लगातार 42 घंटे भगवान महाकाल के दर्शन होंगे। 7 व 8 मार्च की दरमियानी रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलेंगे। इसके बाद भगवान महाकाल की भस्म आरती होगी। इसके साथ ही आम दर्शन की शुरुआत हो जाएगी, जो 9 मार्च की रात 11 बजे पट बंद होने तक जारी रहेगी।