इंदौर/सांवेर- सतयुग से चले आ रहे सनातन धर्म में सब कुछ सत्य है,जो धर्म में रमा हुआ है वह देश है भारत: पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज
सतयुग से चले आ रहे हैं सनातन धर्म की ख्याति यूरोप से लेकर विश्व के अन्य देशों में भी लोगों में सनातन धर्म के प्रति अत्यधिक रुचि पैदा हो रही है। भारत नाम का असली अर्थ क्या है इसे समझने की जरूरत है अगर आप इसे समझ गए तब सही मायने में आपको पता चलेगा कि हम भारतवासी कितने पुण्यवान है। भारत का अर्थ है धर्म और रत याने रमा हुआ जो धर्म में रमा हुआ है वह है भारत।
सांवेर में मंत्री तुलसी सिलावट के मार्गदर्शन में आयोजित रामकथा में संत प्रेमभूषण जी महाराज ने भारत नाम की व्याख्या के साथ यह भी कहा कि हिमालय से लेकर सिन्धु सरोवर तक देवताओं द्वारा जो निर्मित है वह हिंदुस्थान है।
आपने शहरों के नाम बदलने को लेकर कहा कि पहले सांस्कृतिक नामों को ही बदल दिया गया था अब बदला जा रहा है जो सही था वही हो रहा है। हम लोग कब तक संकोच में रहेंगे। प्रेमभूषणजी ने कहा सनातन में सबकुछ सत्य ही है। हमारे यहां पर सब कुछ नियत है, जहां से सूर्य निकले वह है पूर्व दिशा, आपने यह भी कहा कि सनातन की लोकप्रियता तेजी से बढ रही है। यूरोप में हरे कृष्णा हरे रामा गाया जा रहा है, इसके अलावा अन्य देशों में भी सनातन के प्रति रुचि बढी है।
महाराज ने प्रभु श्री राम के जन्म के साथ ही तीनों भाईयों के जन्म की कथा भी सुनाई और फिर गुरुओं से चारों भाईयों के नामकरण की बात भी बताई और इसी तारतम्य में आपने कहा कि वर्तमान में बच्चों के नाम रखने की अलग ही परंपरा चल रही है,नाम सुनकर ही आश्चर्य होता है। चक्रवर्ती महाराज दशरथ जी ने गुरुओं से आज्ञा लेकर पूजन करवाया और नामकरण संस्कार हुआ। आपने कहा कि नामकरण करने का अधिकार उसे है जो परिवार में श्रेष्ठतम हो परंतु आजकल कोई भी नामकरण संस्कार कर देता है या किसी के भी द्वारा करवा लिया जाता है। गुरु वशिष्ठ जी ने राम जी का नाम रखते हुए अनेक उपमाएं दी है और कहां कि राजन इनके अनेक नाम है क्योंकि यह अनुपम है। भरत,शत्रुघ्न और लक्ष्मण के नाम रखे गुरु वशिष्ठ ने। प्रभु श्री राम ने किस प्रकार से शिशु लीला की वह भी विस्तार से बताया कि किस प्रकार माता को ब्रह्म साक्षात्कार करवाया। महाराज ने कहा कि कोविड के दौरान हम हमारी पुरानी संस्कृति को अपनाने के लिए प्रेरित हुए थे परंतु अब सब कुछ भूल गए हैं, और खड़े-खड़े ही खाने की बफेट पद्धति को पुनः अपनाने लग गए हैं पहले हम हाथ धोते थे और नीचे बैठकर खाना खाते थे।
तीर्थ यात्रा के संबंध में टिकट को लेकर महाराज ने बड़े सुंदर ढंग से व्याख्या करते हुए कहा कि आज लोग कहते हैं कि हमारी ट्रेन का टिकट नहीं हुआ, इसलिए हम तीर्थ यात्रा पर नहीं जा पाए,महाराज ने कहा आप उस परमपिता परमात्मा को सब कुछ सौप कर तो देखें परमात्मा स्वयं सब व्यवस्था करता है,साथ ही महाराज ने जीवन में तीर्थ यात्रा का महत्त्व बड़े सुंदर ढंग से हमें बताया और कहा यह माया महा ठगनी है जिसके कारण हम मैं मेरा करने लगते हैं, अगर हम यह मानने लग जाएं कि यह सब उस परमपिता परमात्मा आदेश अनुसार हो रहा है यह शरीर सहित सब कुछ परमात्मा का दिया हुआ है तब माया का असर होने वाला नहीं है। और तीर्थ यात्रा करने में भी कोई बाधा नहीं आएगी ।।जय श्री राम।।
राम कथा के बारे में महाराज ने आगे बताते हुए कहा कि किस प्रकार से यगोपवित के पश्चात विद्या अध्ययन करने के लिए भाइयों सहित प्रभु रामचंद्र आश्रम गए,महाराज ने बड़े सुंदर ढंग से व्याख्या करते हुए कहा कि किस प्रकार से प्रभु श्री राम माता पिता का सम्मान करते थे और उनकी आज्ञा के बिना कुछ नहीं करते थे। महाराज ने कहा कि वर्तमान में पिता परेशान रहते है कि बच्चे कुछ तो उनकी सुन ले। सांवेर में आयोजित राम कथा की ख्याति, सांवेर ही नहीं आसपास के सभी गांवो तक पहुंची बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ साधु समाज भी अपने आप को राम कथा सुनने से नहीं रोक पाया। इसके साथ ही समाज के गणमान्य नागरिकों में मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी सहित विधायक रमेश मेंदोला, भाजपा के पूर्व विधायक सुदर्शन गुप्ता पूर्व सांसद व संगठन मंत्री कृष्ण मुरारी मोघे ,सावन सोनकर ,पद्मश्री जनक पलटा, श्री अन्ना महाराज, कुलपति रेनू जैन, मीर रंजन नेगी, और अलीजा सरकार पंचकुइया धाम और अन्य अतिथिगण ने भी रामकथा सुनने का आनंद प्राप्त किया। मंत्री तुलसी सिलावट और उनकी पत्नी ने पूज्य प्रेमभूषण जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया, महाराज ने अपने आशीर्वाद मे कहा कि जनता का प्यार और सहयोग हमेशा आप पर बना रहे हम रामजी से प्रार्थना करते हैं।