उज्जैन ।   महाकाल मंदिर समिति की चिंतामन स्थित लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई में देशी घी के कनस्तरों का ढेर लगा हुआ है, इसमें चूहे पनप रहे हैं। निर्माण इकाई में चूहों की मौजूदगी से लड्डू प्रसाद की शुद्धता पर सवाल खड़े हो रहे हैं। मामले में मंदिर प्रशासक का कहना है कि कनस्तर विक्रय के लिए टेंडर जो चुके हैं। अधिक रेट देने वाली फर्म को ठेका दिया जाएगा। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण नई दिल्ली (एफएसएसआइ) द्वारा महाकालेश्वर मंदिर समिति की लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई को शुद्धता व सुरक्षित भोग सामग्री का प्रमाण पत्र दिया गया है। विभाग के अनुसार मंदिर समिति शुद्धता मानकों का पालन करते हुए, प्रसाद का निर्माण कर रही है। हालांकि जिम्मेदार नियमों का पूर्णता से पालन नहीं कर रहे हैं।

लड्डू प्रसाद निर्माण इकाई के बाहर प्रसाद निर्माण में उपयोग होने वाले देशी घी के खाली कनस्तरों का ढेर लगा हुआ है। इनमें बड़ी संख्या में चूहे पनप रहे हैं। सूत्र बताते हैं चूहों की मौजूदगी से कर्मचारी भी परेशान हैं। चूहे लड्डू निर्माण व पैकेजिंग स्थल पर स्वछंद विचरण कर रहे हैं। चूहों की रोकथाम के लिए यूनिट में पेस्ट कंट्रोल भी कराया गया है लेकिन यह नाकाफी रहा। कर्मचारी दबी जुबान स्वीकारते हैं कि यूनिट के प्रभारी अधिकारी का समस्याओं पर ध्यान नहीं है। अफसरों से संवादहीनता भी इसका एक बड़ा कारण है। महीनों से कनस्तर इकट्ठे हो रहे हैं।

प्रतिदिन 80 से 100 डब्बे देशी घी की खपत

मंदिर समिति लड्डू प्रसाद निर्माण के लिए उज्जैन दुग्ध संघ से सांची घी की खरीदी करती है। बताया जाता है प्रसाद निर्माण में प्रतिदिन 80 से 100 डिब्बे देशी घी का उपयोग होता है। ऐसे में प्रतिमाह ढाई से तीन हटार खाली कनस्तरों का जमावड़ा यूनिट के बाहर हो रहा है। बताया जाता है बीते छह माह से डिब्बों का विक्रय नहीं हुआ है। निर्माण इकाई के बाहर खाली डिब्बों का पहाड़ बना हुआ है।

बीते साल के मुकाबले दो गुना बिका लड्डू प्रसाद

31 दिसंबर व 1 जनवरी को देशभर से 10 लाख से अधिक भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने उज्जैन पहुंचे थे। मंदिर प्रशासन के अनुसार बाहर से आने वाले दर्शनार्थी दो दिन में करीब 150 क्विंटल लड्डू प्रसाद खरीद कर ले गए। इससे मंदिर समिति को करीब 60 लाख रुपये की आय हुई है। बता दें बीते साल इन दो दिनों में करीब 30 लाख रुपये का लड्डू प्रसाद बिका था।

इनका कहना

देशी घी के खाली कनस्तरों का विक्रय करने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। अधिक रेट देने वाली फर्म को ठेका दिया जाएगा। जल्द ही खाली कनस्तर यूनिट से हट जाएंगे।

- संदीप कुमार सोनी, प्रशासक महाकाल मंदिर समिति