MP विधानसभा में गूंजे 'जय श्रीराम', 'जय-जय सियाराम' नारे:मंत्री मोहन यादव के सीता माता पर दिए बयान पर विपक्ष का वाक आउट                                                                                                                                            मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन बुधवार को अविश्वास प्रस्ताव पर देर रात तक चर्चा जारी रही। करीब 12 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई। देर रात विधानसभा अध्यक्ष ने बाकी बचे सभी विधायकों को चर्चा के लिए 5-5 मिनट का समय देना तय किया। इसके पहले चर्चा के दौरान कई मौके पर सदन में हंगामे के हालात बने। विपक्ष ने सरकार को घेरा, तो सत्ता पक्ष ने भी करारा जवाब दिया। संसदीय कार्यमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा है सीएम गुरुवार को अपना वक्तव्य देंगे।

सदन में गूंजे जयश्री राम और जय जय सियाराम के नारे
बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने चर्चा के दौरान पूर्व की कमलनाथ सरकार पर संबल योजना बंद करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कमलनाथ टुच्चे और ओछे शब्द बोलना बंद कर दो। हम भी इसी भाषा में जवाब दे सकते हैं। कांग्रेस की सरकार मंदिरों की जमीन बेच रही थी। राम काल्पनिक हैं, सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया गया। रामेश्वर शर्मा ने कहा कि तुम्हारा नेता अभी दाढ़ी बढ़ाकर त्रिपुंड लगाकर घूम रहा है और हमसे कह रहा है कि जय श्री राम क्यों बोलते हो। अरे राम तो हमारे हैं तुम्हारा क्या?
रामेश्वर शर्मा के इस बयान पर कांग्रेस विधायक विजयलक्ष्मी साधौ ने कहा- सीता माता पर प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने जो बयान दिया, उस पर भी दो शब्द बोल दो। विपक्षी विधायकों ने रामेश्वर शर्मा से माफी मांगने की मांग की। सत्तापक्ष और विपक्ष के विधायक जयश्री राम, जय जय सियाराम के नारे लगाने लगे।

                जीतू पटवारी बार-बार उठने लगे तो स्पीकर ने टोका
सज्जन सिंह वर्मा, जीतू पटवारी, विजयलक्ष्मी साधौ ने रामेश्वर शर्मा से माफी मांगने को कहा। इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा- कोई माफी नहीं मांगेगा। जीतू पटवारी ने स्पीकर से कहा- अगर ये माफी नहीं मागेंगे तो हम मुख्यमंत्री का भाषण नहीं सुनेंगे।

झूठ बोलो, जोर से बोलो, बार-बार बोलो, ये कोई जीतू से सीखे: CM
इससे पहले सीएम ने सदन में बैठे रहने की बात पर कहा कि अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा हो रही हो और सीएम न हो ऐसा नहीं हो सकता, इसलिए मैं यहां बैठा हूं। सीएम की बात पर कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने कहा- आप तो जाने वाले?... इस पर सीएम ने कहा- झूठ बोलो, जोर से बोलो, बार-बार बोलो, ये कोई जीतू से सीखे।                               कमलनाथ सदन में मौजूद नहीं रहे
दरअसल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे। वे विदिशा जिले के सिरोंज जिले के दौरे पर रहे। उन्होंने वहां कहा कि मैंने पहले ही कह दिया था कि सिरोंज आऊंगा, मैं वचन का पक्का हूं, इसलिए अविश्वास प्रस्ताव छोड़कर आपके बीच आया हूं।

पूर्व मंत्री का CM शिवराज पर तंज
पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा मुख्यमंत्री जी व्यक्तिगत तौर पर अच्छे आदमी हैं, हमने देखा कमल पटेल जी के यहां आपने अच्छा प्रवचन दिया। भविष्य में मौका मिले तो आप अच्छे प्रवचनकार हो सकते हैं।

व्यापम के भ्रष्टाचार पर फिल्म बनी: जयवर्धन
कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने कहा कि एक फिल्म बनी है, वो सीएम के विकास पर नहीं, बल्कि व्यापम के भ्रष्टाचार पर बनी है। व्यापम ने युवाओं का भविष्य खत्म कर दिया। उन्होंने कुपोषित बच्चों, गर्भवती माताओं के आहार में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। कहा कि सितंबर में सीएजी की रिपोर्ट आई थी। उसी समय हमारे एमपी में छह चीते आए थे। उन चीतों का पेट भरने के लिए सौ हिरण बुलाए गए थे। सरकार को चीतों के भोजन की चिंता थी, लेकिन कुपोषित बच्चों को पोषण आहार की चिंता नहीं थी।

किसानों की कर्जमाफी का मुद्दा भी गूंजा
कसरावद विधायक सचिन यादव ने अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सदन की अवमानना का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा में कृषि मंत्री ने कर्जमाफी को स्वीकार किया था, अब बाहर और सदन में झूठ क्यों बोलते है कि कर्ज माफी नहीं हुई। सचिन यादव ने अपने भाषण में कहा कि कृषि मंत्री कमल पटेल की पत्नी रेखा बाई का 45,428 रुपए का ऋण माफ किया है। शिवराज सिंह के परिजनों रोहित सिंह, निरंजन सिंह, कावेरी बाई, ताहर सिंह और अन्य लोगों के कर्ज माफ किया।
उन्होंने कमलनाथ सरकार में की गई किसान कर्जमाफी के सबूत पेश करते हुए कृषि मंत्री कमल पटेल और सीएम के परिजनों की कर्जमाफी के सबूत दिखाए। सचिन यादव ने आरोप लगाया कि खाद की कालाबाजारी को सरकार के संरक्षण प्राप्त है।

सिंधिया का चेहरा दिखाकर वोट लिए, बुजुर्ग को CM बना दिया: प्रद्युम्न सिंह
मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा- मध्यप्रदेश में 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने सिंधिया जी का चेहरा दिखाकर वोट लिए और बाद में 70 साल के बुजुर्ग को सीएम बना दिया। जब हम कांग्रेस में थे, तब 100 यूनिट बिजली 100 रुपये में देने का वचन दिया था, लेकिन उसे कांग्रेस की सरकार ने पूरा नहीं किया। उसे शिवराज सिंह चौहान ने पूरा किया।                                                                                                          जीतू पटवारी के आरोप पर भड़के मंत्री ओपीएस भदौरिया
अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी ने घोटालों और सरकारी पैसों के दुरुपयोग का मामला उठाया। जीतू ने जैसे ही कहा कि सरकारी पैसे से बीजेपी ऑफिस में 40 करोड़ रुपए का खाना खिला दिया। इस बयान के बाद नगरीय प्रशासन राज्यमंत्री ओपीएस भदौरिया भड़क उठे। वे अपनी सीट से उठे और विपक्ष की तरफ बढ़े। ये देख जीतू पटवारी सहित विपक्षी दलों ने हंगामा शुरू कर दिया।

नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह, विजयलक्ष्मी साधौ ने भदौरिया से माफी मांगने को कहा। इस बीच चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा मंत्री भदौरिया जी मेरे पास आए थे। उनका मंतव्य गलत नहीं था। हंगामे के बीच सदन में संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा पहुंचे। उन्हें नेता प्रतिपक्ष ने घटनाक्रम बताया तो उन्होंने कहा मैं खेद व्यक्त करता हूं।                                                                                                                                            सज्जन बोले- ओपीएस भीगी बिल्ली बना फिरता है, यहां पहलवानी बता रहा है
स्पीकर ने जैसे-तैसे मामले को शांत कराया तो जीतू पटवारी ने फिर बोलना शुरू किया। उन्होंने कहा- मैं यही बताना चाहता था कि इस सरकार में कैसे तानाशाही चल रही है। अगर मुझे मारने-पीटने से आपको संतोष मिलता है तो मार लो यही तुम्हारा स्वर्णिम मप्र है? इस बीच सज्जन सिंह वर्मा ने कहा- ये ओपीएस अपने क्षेत्र में भीगी बिल्ली बना फिरता है और यहां पहलवानी बता रहा है।

जीतू पटवारी के वक्तव्य के दौरान मंत्री ओपीएस भदौरिया 9 बार अपनी सीट से उठते दिखे। उनके पास बैठे मंत्री रामखेलावन पटेल हर बार हाथ पकड़कर उन्हें बिठाते दिखे।

जीतू ने इन मुद्दों को उठाते हुए सरकार को घेरा

263 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की सरकार मंजूरी क्यों नहीं दे रही।
63 अफसरों के केस सरकार ने वापस क्यों लिए?
लोकायुक्त कैलाश मकवाना का ट्रांसफर क्यों किया?
NCRB की रिपोर्ट पर प्रधानमंत्री ने मप्र के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा को सबसे निष्क्रिय बताया था।
जीतू ने कृषि मंत्री कमल पटेल की पत्नी का कर्ज माफ करने की बात कही।
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को साले से दान में मिली करोड़ों की जमीन और राजवर्द्धन सिंह दत्तीगांव पर युवती द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद रिसॉर्ट टूटने पर घेरा।
खुद पर लगे आरोप तो दत्तीगांव ने कांग्रेस को घेरा
जीतू के आरोपों पर मंत्री दत्तीगांव ने कहा- यूथ कांग्रेस की लीडर जिसके साथ कांग्रेस के नेता ने रेप किया उस बहन पर भी कुछ बोलो, उसको भी न्याय दिलाओ।

बाला बच्चन बोले- कृषि मंत्री होश में नहीं है
बाला बच्चन ने कहा कृषि मंत्री होश में नहीं हैं, उन्हीं के विभाग ने जवाब दिया है कि 27 लाख किसानों का 11 हजार करोड़ का कर्जा माफ हुआ था। कर्जमाफी का मामला आते ही विधानसभा में हंगामे की स्थिति बनी।

नरोत्तम बोले- सिंधियाजी का चेहरा दिखाकर वोट मांगे, भांवरें बुड्ढे आदमी से पड़वा दीं
चर्चा के दौरान कांग्रेस पर वार करते हुए गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा, 20 साल से आप विपक्ष में हो। ध्यान रखना अगले 20 साल और आप विपक्ष में रहोगे। हर चुनाव में हमें वोट ज्यादा मिले हैं। सीट इन्हें ज्यादा मिल गई थी। फिर इन्होंने दिल बसपा का लगाया, सपा का फेफड़ा लगाया और निर्दलियों के अंग लगाकर सरकार बना ली। इसके बाद नरोत्तम ने एक कहावत बोलते हुए कहा, सिंधिया जी का चेहरा दिखाकर वोट मांगे और भांवरें (विवाह में लिए जाने वाले फेरे) बुड्‌ढे आदमी से पड़वा दीं। इस पर बाला बच्चन ने कहा कि सिंधिया जी तो खुद चुनाव हार गए। अब सिंधिया जी का चेहरा लगाना और फिर देखेंगे।

नरोत्तम बोले- ये अविश्वास नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ, हमारे नहीं
नेता प्रतिपक्ष के बाद सज्जन सिंह वर्मा ने सरकार पर आरोपों की बौछार की। उन्होंने कहा, हमारी ओर से 34 साथियों ने अपनी बात रखने का अनुरोध किया था, उन्हें बोलने का मौका मिलना चाहिए। इस पर नरोत्तम मिश्रा बोले- सबसे पहले नेता प्रतिपक्ष को प्रणाम। हमें लग रहा था हरि की पौढ़ी में बैठकर कोई कथा कर रहा है। अविश्वास प्रस्ताव वो लेकर आए, हमारे नेता ने उसे स्वीकार किया। सज्जन भाई ये अविश्वास आपके लिए है। आपके जो पहले नेता प्रतिपक्ष थे, वो आज सदन में नहीं हैं। ये अविश्वास नेता प्रतिपक्ष के खिलाफ है, हमारे खिलाफ नहीं। सज्जन सिंह ने कहा, हमारा नेता प्रतिपक्ष दमदार है। नरोत्तम बोले- आप कमलनाथ जी का नार्को टेस्ट करा लो, वो सज्जन भाई को नेता प्रतिपक्ष बनाना चाहते थे।

गृहमंत्री ने कहा, नेता प्रतिपक्ष ढोर के डॉक्टर हैं
नेता प्रतिपक्ष ने कहा- हमने अविश्वास प्रस्ताव में जो मुद्दे उठाए, उन पर जवाब देना चाहिए। लेकिन, गृहमंत्री जी विद्वान हैं। भाषण देने में माहिर हैं। ये कौन सी परंपरा है जब सत्तापक्ष पर विपक्ष आरोप लगाता है, तो सत्तापक्ष जवाब देता है। गोपाल भार्गव ने कहा- आपने आज क्या भाषण दिया, वो आपको खुद याद नहीं होगा। नरोत्तम ने व्यंगात्मक लहजे में कहा- नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर किन के हैं? ढोर के हैं।

          कमलनाथ छिंदवाड़ा, तो गोविंद सिंह भिंड तक सीमित रहते हैं
नरोत्तम ने कहा- कांग्रेस के अध्यक्ष जब बोलते हैं, तो वे छिंदवाड़ा तक सीमित रहते हैं। नेता प्रतिपक्ष भिंड तक सीमित रहते हैं। वे आज थोड़ा बाहर निकले और चिरायु अस्पताल पहुंचे। उन्होंने मरने वालों के बारे में बता दिया, लेकिन ये नहीं बताया कि उसी अस्पताल में 24 हजार लोग ठीक होकर निकले। आपने कहा कि अस्पताल को पैसे दे दिए, वो इसलिए करना पड़ा, क्योंकि जब कोरोना आया, तो कमलनाथ जी ने सिर्फ दो बैठकें कीं आईफा अवार्ड की। भगवान की कृपा थी कि शिवराज सिंह चौहान आ गए। रात - रात भर जागकर मुख्यमंत्री शिवराज ने ऑक्सीजन लेकर आने वाले टैंकरों के चालकों, डॉक्टरों से बात की।                                                                                                                          नेता प्रतिपक्ष बोले- आजकल हमारे मुख्यमंत्री जज बन गए हैं...

इससे पहले नेता प्रतिपक्ष ने कहा, दिग्विजय सिंह ने जो अधिकार पंचायती राज में दिए थे, वो छीनकर अधिकारियों के हवाले कर दिए। जनपद पंचायत, जिला पंचायत अधिकारविहीन हो गई। विधानसभा की कार्यवाही लगातार कम होती जा रही है। सबसे कम समय विधानसभा चलाने का गोल्ड मेडल इस विधानसभा को मिलना चाहिए। नर्सिंग कॉलेजों के घोटाले जगजाहिर हैं। एक कमरे में नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। ऐसे करीब 550 कॉलेज प्रदेश में हैं। आपने छात्रों को मानव बम बना दिया। हरियाणा, पंजाब के लोग यहां से फर्जी डिग्री लेकर चले गए। कई ऐसे फैकल्टी हैं, जो चार-पांच जगह काम कर रहे हैं।

उमाकांत शर्मा बीच में बोलने के लिए खड़े हुए, तो नेता प्रतिपक्ष ने कहा- बैठ जाइए पंडित जी। मैं ढोंग में विश्वास नहीं करता। सजा देना न्यायालय का काम है, लेकिन सत्ता के मद में घमंडी हो गए हो। आपने हजारों घर बर्बाद कर दिए। न्यायपालिका को दंड देने का अधिकार है, कार्यपालिका को नहीं। आजकल हमारे मुख्यमंत्री जज बन गए हैं। आपका समय है। इस प्रकार से रावण का भी अंत हुआ था।

चिरायु को इतना पैसा क्यों दिया?

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, महाकाल के उद्घाटन में 12 करोड़ रुपए खर्च कर दिए। चीते लाने में करोड़ों, 5-6 हजार में चीते छूट जाते। कोरोना काल में चिरायु अस्पताल को 70 करोड रुपए सरकार ने दिए। आप कह सकते हो कि चिरायु को जमीन कांग्रेस की सरकार ने दी थी, लेकिन कैचमेंट एरिया की जमीन आपने दे दी। कुछ हमारे मित्र भी उसको संरक्षण दे रहे हैं। आप इतनी मेहरबानी क्यों कर रहे हैं? सरकारी अस्पतालों को पैसा देते, आपने चिरायु को इतना पैसा क्यों दिया? कोरोना काल में सबसे ज्यादा मौतें चिरायु अस्पताल में ही हुई हैं।

न्यू पेंशन स्कीम में 800 करोड़ के घोटाले का आरोप

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भोपाल समेत प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में करीब 3300 मेडिकल टीचर्स, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ को मिलाकर 50 हजार कर्मचारी हैं। न्यू पेंशन स्कीम में उनका पैसा कटता है। 800 करोड़ रुपए के लिए कर्मचारी परेशान हैं। हमसे भी कई बार मिले। ये पैसा उनके खातों में जमा होना था, लेकिन डीन के खाते में जमा करा दिया। डीन को क्या अधिकार है? पैसा खाते में है भी या गायब हो गया? इसका पता चलना चाहिए।

मुझे नारियल की रस्सी से बंधा कमरा दिया
नेता प्रतिपक्ष ने कहा, पिछले महीने मैं आगर मालवा के दौरे पर गया था। इसकी प्रशासन को सूचना दी थी। वैसे मुझे सैर सपाटा करने का शौक नहीं है, मैं गांव का आदमी हूं। मैंने प्रतिपक्ष की हैसियत से लिखा था। जब हम वहां पहुंचे, तो सर्किट हाउस में ताला लगा था। मुझे ऐसा कमरा दिया, जिसके दरवाजे पर कुंडी नहीं थी, नारियल की रस्सी से बंधा था।

न्यू पेंशन स्कीम में 800 करोड़ रु. का घोटाला

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, भोपाल समेत प्रदेश के मेडिकल कॉलेज में करीब 3300 मेडिकल टीचर्स, डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ को मिलाकर 50 हजार कर्मचारी हैं। न्यू पेंशन स्कीम में उनका पैसा कटता है। 800 करोड़ रुपए के लिए कर्मचारी परेशान हैं। हमसे भी कई बार मिले। ये पैसा उनके खातों में जमा होना था, लेकिन डीन के खाते में जमा करा दिया। डीन को क्या अधिकार है? पैसा खाते में है भी या गायब हो गया? इसका पता चलना चाहिए।

मंत्री गोविंद सिंह ने सुनाया कमलनाथ सरकार का हाल
राजस्व मंत्री गोविंद सिंह ने कहा- 2018 के चुनाव के पहले जब कांग्रेस का घोषणा पत्र बन रहा था तब ये हालत थी कि 15 साल में शिवराज सिंह और बीजेपी की सरकार ने इतना करा दिया है कि घोषणापत्र में क्या लिखें। फिर जो समझ आया वो सब जोड़ दिया। नेता कहते थे सरकार बनाना है जो डालना है घोषणापत्र में डाल दो। मैंने कहा इन घोषणाओं को कैसे पूरा करेंगे तो नेता जी ने कहा अरे गोविंद सरकार बनाना है।

जब सरकार बन गई, हम मंत्री बन गए और जैसे ही हम गांव में जाते महिलाएं पूछतीं वृद्धावस्था पेंशन के एक हजार कब मिलेंगे। अतिथि शिक्षक पूछते हम कब परमानेंट होंगे। दैनिक वेतन भोगी पूछते कि हमें कब नियमित करोगे। हमने उस समय के नेता से पूछा तो जवाब मिला- कि घोषणाएं चुनाव जीतने के लिए की जातीं हैं। मुझे 30 साल शासन चलाने का अनुभव है। मंत्री गोविन्द राजपूत की बात सुनकर पूर्व मंत्री कमलेश्वर बोले कमलनाथ जी ने ये कभी नहीं कहा।

15 महीने में सिर्फ विधायकों पर नजर रखने में लगा दिया समय
मंत्री गोविंद राजपूत ने कहा- कमलनाथ की सरकार के समय केवल दो ही लोग सच बोलने वाले थे, एक डॉ गोविन्द सिंह और दूसरे लक्ष्मण सिंह। 15 महीने की सरकार में अराजकता का माहौल था। कैबिनेट की बैठक में कामों से ज्यादा ये पूछा ज्यादा था कि विधायक कहां हैं। पूरे 15 महीने विधायकों की खोजबीन में लगा दिया।

मंत्रियों को तीन-तीन विधायकों की निगरानी करने के लिए लगा दिया था और फिर भी विधायक हाथ से निकल गए, अब पछता रहे हैं। कमलनाथ की सरकार में हमारा हाल शोले के ठाकुर जैसा हो गया था। हमारे हाथ नहीं थे, कंबल से कटे हाथ ढके 15 महीने गुजर गए। कांग्रेस की सरकार में एक सीएम थे और दूसरे सुपर सीएम थे।

लक्ष्मण सिंह ने पंचायत मंत्री को घेरा
कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान कहा- मैने ऐसा पहले कभी नहीं देखा, जब मंत्री बाहें चढ़ाकर विपक्ष को डराने आ जाए। आज ये भी देख लिया। विधायक लक्ष्मण सिंह ने कहा गुना में पंचायत मंत्री के ओएसडी ने कलेक्टर के फर्जी साइन करके आर्म्स लाइसेंस जारी कर दिए। उस पर कलेक्टर ने FIR कराई वो जेल भी गया। लेकिन वो जेल से बाहर आने के बाद फिर आपका ओएसडी बन गया।

ये सुनकर मंत्री ने कहा अगर आपके पास ऑफिशियल डॉक्यूमेंट हैं तो मैं अभी इस्तीफा दे दूंगा। मेरे सिर्फ एक ओएसडी है वो भोपाल में रहते हैं। इस पर लक्ष्मण सिंह ने कहा मैं बिना प्रमाण के नहीं बोलता।

इससे पहले विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने के बाद स्पीकर गिरीश गौतम ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए सप्लीमेंट्री बजट के बाद का समय तय किया। इसके बाद वित्तमंत्री जगदीश देवड़ा ने सप्लीमेंट्री बजट पेश किया।

प्रश्नकाल में इन्होंने पूछे सवाल...

स्पीकर को कहना पड़ा, मंत्री जी विधायक ने जांच की मांग की है

विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही पहला सवाल निवाड़ी विधायक अनिल जैन ने पूछा। जैन ने निवाड़ी जिले में वन विभाग द्वारा कराए गए कामों को लेकर सवाल उठाए। निर्माण कार्यों की जांच कराने की मांग की। इस पर वनमंत्री विजय शाह ने कहा- कोविड के कारण 5 काम बचे थे। जल्द पूरे करा दिए जाएं। स्पीकर ने कहा कि विधायक जी ने मौके पर काम न होने का मामला उठाया है, जांच कराने की मांग की है। वन मंत्री ने कहा कि 5 दिन में जांच करा देंगे।

बंडा (सागर) विधायक धर्मेंद्र लोधी ने पारना जलाशय के निर्माण के लिए बार-बार टेंडर निरस्त होने का मामला उठाया। जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने कहा- इस जलाशय के निर्माण में तीन बार टेंडर बुलाए गए। मैं विधायक को विश्वास दिलाता हूं कि एक हफ्ते में इस टेंडर के अनुबंध करके जल्दी भूमिपूजन करा दिया जाएगा।

विधायक बोले, मंत्री जी मेरे नारियल वापस ले लूं...

पुष्पराजगढ़ (अनूपपुर) से विधायक फुंदेलाल मार्को ने पूछा- प्रदेश भर में जिला खनिज निधि की कितनी राशि जमा की गई है। जिलेवार जानकारी मांगी। अनूपपुर में 2018 से अब तक खनिज प्रतिष्ठान में कितनी राशि रॉयल्टी में प्राप्त हुई?

खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह ने जवाब देते हुए कहा- जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट (DMFT) में 2018 से अब तक 246 करोड राशि प्राप्त हुई। विधायक ने कहा- DMFT के फंड से कामों को स्वीकृत कर दिया, मैंने उनका भूमिपूजन कर दिया। मेरा मंत्री जी से सवाल है कि क्या वो काम चालू होंगे या मेरे नारियल वापस ले लूं।

नरोत्तम मिश्रा बोले- आरिफ अकील अस्वस्थ थे

भोपाल उत्तर से विधायक आरिफ अकील सवाल करने खडे़ हुए तो संसदीय कार्यमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा- वे अस्वस्थ थे, हम सबने उनके स्वस्थ होने की कामना की थी। इस पर बड़वानी के राजपुर से विधायक बाला बच्चन ने कहा कि संसदीय कार्यमंत्री को शायद ये पता नहीं है कि आरिफ भाई रोज सदन में आ रहे हैं। नरोत्तम ने कहा- मैं कल उनके पास बैठने गया था।

हंगामे पर मंत्री ने दिया जांच का आश्वासन

राजगढ़ के खिलचीपुर से विधायक प्रियव्रत सिंह- अवैध उत्खनन करने वालों से रिकवरी करने का मामला उठाते हुए कहा- तीन साल बीत गए, कार्रवाई नहीं हुई। खनिज मंत्री ने कहा- मामला कलेक्टर कोर्ट में चल रहा है। इसलिए हम इस मामले पर कैसे बात कर सकते हैं। इस पर प्रियव्रत सिंह ने कहा- कलेक्टर लिख रहे हैं कि मैं जांच करने में सक्षम नहीं हूं, तो मैं कहां जाऊं। शासन स्तर से इसकी जांच कराएं। ये रॉयल्टी चोरी का मामला है। कई बडे़ राजनैतिक रसूख वाले लोग हैं।

मंत्री ने कहा- कलेक्टर जांच करने में सक्षम नहीं हैं, तो वे अपने न्यायालय का फैसला कर दें, फिर हम शासन स्तर से इसकी टीम बनाकर जांच करा लेंगे। विधायक सिंह ने कहा- खनिज से जुडे़ हर मामले पर मंत्री जी कलेक्टर का हवाला दे रहे हैं। मुझे अपमानित अनुभव हो रहा है। मैं तीसरी बार विधायक चुनकर आया हूं। इतने पर कांग्रेस के विधायक तरुण भनोट, आलोक चतुर्वेदी ने खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह को घेरा। हंगामा बढ़ता देख खनिज मंत्री ने लीज की जांच कराने का आश्वासन दिया।

20 करोड़ के पौधे जंगल से गायब
देवरी (सागर) से विधायक हर्ष यादव ने सागर जिले में वन विभाग में भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाते हुए कहा- 20 करोड़ पौधे जंगल से गायब हैं। वन मंत्री विजय शाह ने कहा- दो अधिकारियों को हटा दिया है, एक और अधिकारी को हटा देंगे। विधायक ने डीएफओ स्तर के अधिकारियों को हटाने की मांग की। मंत्री ने कहा- सरकार जांच कराएगी और जरूरत पडे़गी तो ईओडब्ल्यू में एफआईआर कराएंगे।

मंत्री ने स्वीकारा गांवों के रास्तों से गुजर रहीं रेत भरी ट्रैक्टर-ट्रॉलियां
अनूपपुर के कोतमा से विधायक सुनील सराफ ने कहा- अवैध खनन के मामले में कार्रवाई करने के बजाए गलत जवाब दिए जा रहे हैं। खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप ने स्वीकार किया कि गांवों के रास्तों से रेत की ट्रैक्टर-ट्रॉली गुजर रही हैं। विधायक ने कहा- आप गोल-मोल जवाब दे रहे हैं। आपके ही उत्तरों में दो प्रकार के जवाब मिले हैं। एक में गांव के बाहर से परिवहन हो रहा है, दूसरे प्रश्न में कहा कि गांव से कोई परिवहन नहीं हो रहा। दो साल से अधिकारी गलत जवाब दे रहे हैं। सरकार चली जाएगी, कोई नमस्ते नहीं करेगा, पक्ष न लें। ये सुनकर स्पीकर ने कहा- आपके सबसे सीनियर नेता कमलनाथ आर्शीवाद देकर गए हैं कि वे वहीं रहेंगे और ये यहीं रहेंगे।

खींची ने कहा- गुजराती कंपनी से महंगी बिजली खरीदी, मप्र की कंपनियां 58 हजार करोड़ के घाटे में चली गईं।अविश्वास प्रस्ताव पर 10 घंटे तक चली लंबी चर्चा में सत्तापक्ष और विपक्ष कई मर्तबा आमने सामने आए। परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि कमलनाथ सुपर सीएम थे और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री। कांग्रेस की सरकार में ऐसा कोई काम नहीं हुआ जिसे हमारे मित्र बता सकें।

मैने कैबिनेट में गरीबी रेखा में जीवन यापन करने वाले लोगों के नाम जुड़वाने का मामला उठाया तो कहा गया कि पोर्टल नहीं खुल रहा है जो हैदराबाद से खुलता है। 2020 में शिवराज कैबिनेट की पहली बैठक में मैने कहा, गरीबी रेखा में नाम जुड़वाना है तो 25 लाख लोगों के नाम जुड़ गए। कांग्रेस सरकार में मृत्यु पर 50 हजार रुपए का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर 4 लाख रुपए कर दिया गया है।

पशु की मृत्यु पर 4 हजार रुपए मिलते थे, जिसे बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दिया गया है। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि हमने किसानों की समितियां बनाई। 2876 करोड़ रुपए उद्योग लगाने को दिए। कांग्रेस ने 60 सालों में किसानों को क्या दिया, बताए।

दस घंटे चर्चा... सत्तापक्ष और विपक्ष कई बार आमने-सामने

बाला बच्चन : प्रदेश में अपराध बढ़े

2-2 लाख की कर्जमाफी सबसे पहले डिफाॅल्टर और ओवरडयू वाले किसानों का किया।
जबसे भाजपा की सरकार आई है 52 में 51 जिलों में अपराध बढ़े हैं।
दतिया में 350 लोगों पर झूठे मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
देश में हत्याओं का रेट 2.1 है, जबकि मप्र में 2.4 है।
तरुण भानोत : 3 लाख करोड़ है कर्ज

2003 में प्रदेश पर 26 हजार करोड़ का कर्ज था, 2022 में 3 लाख 12 हजार करोड़ रु. का है।
25 हजार करोड़ रुपए ब्याज के देना पड़ रहे हैं।
रिजर्व बैंक ने कहा है कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है।
हमने 27 लाख किसानों का कर्जमाफ किया।
पेंशन की राशि 300 से बढ़ाकर 600 रुपए की।
भूपेंद्र बोले- इसमें तथ्य नहीं...

नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने कहा कि इस अविश्वास प्रस्ताव में एक भी तथ्य नहीं है। इससे पहले आए अविश्वास में तथ्य पटल पर रखे जाते रहे हैं। शिवराज सरकार के खिलाफ पहले लाया गया अविश्वास भी औंधे मुंह गिरा था यह भी गिरेगा। हम हर साल विकास कार्यों पर 40 हजार करोड़ रुपए खर्च कर रहे हैं।

कांग्रेस विधायक सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि यह अविश्वास शिवराज सरकार के खिलाफ लाया गया है। इसलिए पहले सुनें और फिर जवाब दें। इस पर गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन में कमलनाथ तो हैं नहीं। यह अविश्वास आप लाए हो। आप जानो किसके खिलाफ है।

महंगी बिजली के नाम पर 924 करोड़ निजी कंपनियों को दे रहे

पूर्व ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने आरोप लगाया कि 2003 से 27 बार बिजली की दरें बढ़ाई गईं। महंगी बिजली खरीदकर कंपनियों का फायदा पहुंचाया गया। अकेले गुजरात की कंपनी टोरेंट इंडिया से 19 रुपए प्रति यूनिट बिजली खरीदी गई। इससे मप्र की बिजली कंपनियां 58 हजार करोड़ के घाटे में चली गईं।

भाजपा की मौजूदा सरकार में दो लाख किसानों पर केस बनाए गए, 25 हजार को जेल भेजा गया। एक बड़ी निजी कंपनी को ट्रांसमिशन कंपनी दे दी गई। हर साल महंगी बिजली के नाम पर 924 करोड़ निजी कंपनियों को दिए जा रहे हैं। कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि साढ़े नौ लाख छात्र 8वीं के बाद नहीं पढ़े। सात हजार स्कूलों में छात्राओं के टायलेट नहीं है।