कुशाभाऊ ठाकरे इन्टरनेशनल कन्वेशन सेंटर भोपाल, केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने वाटर विजन 2024 के समापन पर कहा की। भोपाल का यह ऐतिहासिक भवन कई घटना,वक्तव्य और प्रस्तावो का गवाह रहा है। इस भवन की दीवार कई घटनाओं की साक्षी रही हैं । 
केबिनेट मंत्री ने इस कार्यक्रम के संबंध में बताया की शुरू से लेकर आज तक इसका पूरे कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराज की भूमिका महत्वपूर्ण है। उसके लिए उनका और पूरे मध्यप्रदेश का धन्यवाद देता हूं।
वाटर विजन 2047 के सम्मान सत्र में जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, पीएचई मंत्री श्री यादव,उत्तराखंड के मंत्री श्री सतपाल महाराज, बिहार, झारखंड, गोआ, पंजाब, असम आदि राज्यों के जल विभाग के मंत्री भी उपस्थित रहे।
मंत्री ने दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह में बताया की किसी ने कार्यक्रम में बताया था की प्रेम के बिना प्यार के बिना काम चल सकता है ।किंतु पानी के बिना कमा नही चल सकता हैं। इसकी महत्ता जीवन की तरह है।
आज  औधोगिककरण, शहरीकरण और आर्थिक गतिविधियों के साथ जनता की भीड़ से पानिं को उपलब्धता  कम रही है। इसके लिए सभी राज्यों को सहकारिता आधारित व्यवस्था के साथ काम करना होगा। देश की जनता को स्वच्छ पानी मिले और यह व्यवस्थाएं आने वाली पीढ़ी को हम सौप कर जाए यही हम सब की जिम्मेदारी है।
 प्रधानमंत्री श्री मोदी ने कहा  था की देश में पहले  सदा हम आभाव में जिए और वर्तमान की जरूरत को पुरा करने केलिए संघर्ष करते रहे है इस सोच को बदलना होगा।
भविष्य की आवश्यकता के अनुसार  हमे काम करना होगा।
देश को  भविष्य की जरूरत  के अनुसार तैयार रहना होगा।
 कंटेंजेंसी के हालत में विकसित व्यवस्था काम नहीं कर सकती है।
आज मोदी जी के नेतृत्व में व्यवस्था बदली है। अब राज्य को मजबूत किया हैं । केंद्र लगातार काम करते हुए  सबको साथ लेकर काम करने की प्रवृत्ति शुरू हुई है।
 2047 तक पानी ,पर्यावरण, और उसके संरक्षण के विषय पर चर्चा हुई है।
 वेस्ट वाटर नही बोलना चाहिए। पानी कभी खराब नही होता है। पानी की हर बूंद को उपयोग करने के लिए सोचना चाहिए। इसके लिए वॉटर गवर्नेंस के लिए जरूरी हैं ।
अपने सोच को बदला जाए।पानी मैनेजमेंट को देखना होगा। पानी की गुणवत्ता पर विचार किया जाना चाहिए , इसकी भी जांच देखना जरूरी है।
सभी राज्यों को सहकारिता संगठन बनकर काम करने की जरूरत है आज के सम्मेलन के बाद राज्यों ने एक दूसरे के साथ काम करने की नई प्रतिबद्धता दिखी है। 
 मोहनपुरा सिंचाई परियोजना के काम को कई राज्यों ने अपनाया है। माइक्रो इरिगेशन की जरूरत हर प्रदेश की है।
 आज टेक्नोलॉजी से पानी की गुणवत्ता और उपलब्धता को बढ़ाया जा सकता है।
सभी राज्यों को जन सहभागिता से ही सफलता का मूल मंत्र लेकर आगे बढ़ना होगा। सिंचाई और पेयजल के लिए जनता के साथ मिलकर आगे बढ़ना होगा। पानी की उपयोगिता के लिए वाटर अथॉरिटी बॉडी बनाई जाना चहिए। आज भी  दुनिया में भू जल की उपयोगिता सबसे ज्यादा है।
री यूज और रिसाइकिल के काम जल व्यवस्था में होना चाहिए।
अन्यथा आने वाले समय में आगामी पीढ़ी को  ऐसा ही पानी उपयोग करना चाहिए।प्राकृतिक पानी की उपलब्धता सदा बनी रहे आज के सम्मेलन का मूल उद्देश्य यही है।                                                                                                वाटर विजन 2047 के सम्मान सत्र में मध्य प्रदेश के जल संसाधन मंत्री के साथ विभाग के अधिकारियों ने  भी इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अग्रणी भूमिका निभाई।