रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद काशी से श्रीराम पगयात्रा भी आरंभ हो गई। संकटमोचन हनुमान जी का आशीर्वाद लेकर श्रद्धालुओं का जत्था 45 दिनों की यात्रा पर निकला। दो देशों, 10 राज्यों और 200 स्थानों से गुजरते हुए श्रद्धालु 15 हजार किलोमीटर की दूरी तय करेंगे। राम वन पथ गमन मार्ग पर निकलने वाली यात्रा का पहला पड़ाव अयोध्या होगा। रामलला का आशीर्वाद लेकर यात्रा भगवान राम के वनवास वाले मार्ग पर प्रस्थान करेगी। 

ब्रह्म राष्ट्र एकम की ओर से श्रीराम पगयात्रा का श्रीगणेश संकटमोचन मंदिर से शुरू हुआ। संकट मोचन मंदिर से हनुमान जी का आशीर्वाद लेकर यात्रा अयोध्या के लिए रवाना हो गई है। 45 दिवसीय यह यात्रा 17 मार्च तक चलेगी। यात्रा काशी से शुरू होकर अयोध्या, शृंगवेरपुर, प्रयागराज, चित्रकूट, सतना, नागपुर, नासिक, कर्नाटक, लेपाक्षी, तमिलनाडु, मदुरै के रास्ते होते हुए श्रीलंका तक जाएगी।

वापसी में मदुरै, बंगलुरू, मुंबई, वड़ोदरा, सोमनाथ, अहमदाबाद, जयपुर, नई दिल्ली, मथुरा, आगरा, लखनऊ के रास्ते होते हुए वाराणसी पहुंचेगी। यात्रा का नेतृत्व डॉ. सचिन सनातनी कर रहे हैं। यात्रा में दिवाकर द्विवेदी, रविंद्रनाथ मिश्र, कुशाग्र मिश्र, चेतन उपाध्याय, विजय त्रिपाठी, धर्मेंद्र त्रिपाठी आदि शामिल हैं।

भगवान राम के आदर्शों का करेंगे प्रचार

यात्रा के संयोजक ब्रह्म राष्ट्र एकम के अध्यक्ष सचिन मिश्र ने बताया कि भगवान राम के आदर्शों के प्रचार-प्रसार को जन-जन के साथ ही दुनिया तक पहुंचाने के लिए राम वन पथ गमन यात्रा निकाली गई है। यात्रा के दौरान भगवान राम ने जिन-जिन स्थानों पर निवास किया था, उन जगहों पर झांकियां भी निकाली जाएंगी। विश्व शांति और सद्भावना के उद्देश्य से इस यात्रा का आयोजन किया जा रहा है