अमेठी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी भाजपा की जुबां पर हमेशा रहते हैं। चुनावी सभा में कोई उन्हे राहुल बाबा कहता है तो कोई शहजादा बताकर उन्हे घेरता है। जब कांग्रेस की परंपरागत सीट रही अमेठी की बात हो तो केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी इस मौके को कैसे छोड़ सकतीं हैं। वे लगातार बार बार राहुल गांधी को घेरने की कोशिश करतीं नजर आ रहीं हैं। भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी की सक्रियता ने चाहे अनचाहे राहुल को फिर से चुनावी केंद्र में ला दिया है। असल में स्मृति ने अपनी हर सभा में राहुल को निशाने पर लेकर, आरोप मढ़कर, भगोड़ा बताकर और गांधी परिवार पर तोहमत मढ़कर आम जन को राहुल रूपी सवाल सौंप दिया है। उनके इस कदम ने कहीं न कहीं अमेठी में राहुल पर नई बहस शुरू कर दी है। यह बहस किस मोड़ पर जाती है, इसका अंदाजा अभी लगाना थोड़ी जल्दबाजी होगी। लेकिन चुनावी समर में जो मैदान कांग्रेस प्रत्याशी के बिन सूना था वह अब राहुल के नाम से रोमांचित जरूर करने लगा है।
इतना सब होने के बाद भी अमेठी को लेकर कांग्रेस ने अपने पत्ते अभी तक नहीं खोले। वहां से चुनाव कौन लड़ेगा इसकी चिंता कांग्रेस से ज्यादा भाजपा कर रही है। राजनीति के जानकार बताते हैं कि अमेठी में भाजपा की स्मृति एक मजबूत प्रत्याशी हैं तो उन्हे कांग्रेस के उम्मीदवार से क्या लेना देना। वहां कोई भी खड़ा हो जाए। उन्हे तो अपने आप पर भरोसा होना चाहिए। भाजपा न तो कांग्रेस की चुप्पी के मायने समझ रही है और न ही राहुल गांधी की रणनीति। असल में 2019 में राहुल गांधी अमेठी के साथ ही केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़े। अमेठी से भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी से करारी हार मिली, वहीं वायनाड से जीतकर वह संसद पहुंचे। इस बार भी अभी तक राहुल वायनाड से ही मैदान में हैं। उनके अमेठी से चुनाव लड़ने पर संशय बरकरार है। यहां से कभी प्रियंका गांधी तो कभी रॉबर्ट वाड़ा के नाम की चर्चा हो रही है। समीकरण साधने के लिए स्थानीय प्रत्याशी पर भी मंथन चल रहा है। इस सब के बीच कांग्रेस कुछ भी खुलकर बोलने को राजी नहीं है। पार्टी का मौन कार्यकर्ताओं की दुविधा बढ़ाने वाला है।
राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हारे। अभी नया राजनीतिक ठिकाना वायनाड है। इस बीच अमेठी से उनका जुड़ाव करीब कट सा गया। 20 फरवरी को यहां पहुंची उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी न उल्लास नजर आया था और न ही कांग्रेस नेताओं में उत्साह। संसदीय चुनाव की रंगत के बीच जब भाजपा ने स्मृति इरानी को मैदान में उतार मोर्चेबंदी शुरू कर दी है, तो वहीं कांग्रेस में प्रत्याशी पर ही मंथन चल रहा है। हालांकि अमेठी में पांचवें चरण में 26 अप्रैल से नामांकन की शुरुआत होने वाली है। तीन माई नामांकन की अंतिम तिथि है और 20 मई को मतदान। इस सब के बीच अमेठी से दूर रहते हुए भी बीते 15 दिनों से राहुल गांधी फिर चर्चा में हैं। यह कांग्रेस की पहल नहीं, बल्कि भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी की रणनीति का ही प्रतिफल है।