अशोक गहलोत की मंशा से असहमत सोनिया गांधी!
नई दिल्ली । देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस में चल रहे शीर्ष नेतृत्व संकट के निवारण की कवायद के बीच अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 1 महीने कम समय रह गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के संकेत देने के बाद बुधवार को सोनिया गांधी से मुलाकात की। इस बैठक में सोनिया गांधी ने साफ कर दिया है कि पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होगा, वे किसी को व्यक्तिगत स्वीकृति नहीं देंगी।
दरअसल, अशोक गहलोत ने एक दिन पहले ही अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का संकेत दिया था। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि उदयपुर में कांग्रेस की बैठक में जो 'एक व्यक्ति एक पद' का फॉर्मूला तय हुआ था, उसे देखते हुए अशोक गहलोत पार्टी का अध्यक्ष बनने के बाद भी राजस्थान के सीएम बने रहेंगे। या फिर वे सीएम का पद सचिन पायलट या किसी और को देंगे। हालांकि, अशोक गहलोत ने कहा था कि अध्यक्ष पद का चुनाव ओपन इलेक्शन है। इसे कोई भी विधायक, सांसद, मंत्री चुनाव लड़ सकता है। अगर कोई राज्य का मंत्री कहता है कि वह चुनाव लड़ना चाहता है, तो वह लड़ सकता है। वह मंत्री भी रह सकता है। अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री बने रहने के सवाल पर कहा था कि रहना या रहने की बात नहीं है। ये समय बताएगा कि मैं कहा रहता हूं। लेकिन मैं वहां रहना पसंद करूंगा, जहां मेरे रहने से पार्टी को फायदा होगा। मैं इससे पीछे नहीं हटूंगा। अशोक गहलोत ने कहा कि आज देश की जो स्थिति है उसके लिए कांग्रेस का मजबूत होना बहुत जरूरी है।
अशोक गहलोत से जब पूछा गया था कि क्या वे 'एक व्यक्ति, एक पद' के नियम को देखते हुए कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद मुख्यमंत्री पद छोड़ देंगे, इस पर अशोक गहलोत ने कहा कि यह ओपन चुनाव है, इसे कोई भी लड़ सकता है। ये नियम नॉमिनेटेड पदों के लिए है। उन्होंने कहा कि जब हाईकमान नॉमिनेट करती है, तब दो पद की बात आती है। यह चुनाव है। यह ओपन चुनाव है। इसमें कोई भी खड़ा हो सकता है। इसमें कोई भी विधायक, सांसद, मंत्री चुनाव लड़ सकता है। अगर कोई राज्य का मंत्री कहता है कि वह चुनाव लड़ना चाहता है, तो वह लड़ सकता है। वह मंत्री भी रह सकता है।
उधर, मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक मीडिया से बातचीत में अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने का संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि आप मेरा नाम खारिज क्यों कर रहे हैं? इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने अशोक गहलोत के बयान पर भी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर अशोक गहलोत अध्यक्ष बनते हैं, तो फिर उन्हें राजस्थान का सीएम पद छोड़ना होगा। उन्होंने कहा था कि अगर ऐसा हुआ तो उनकी जगह सचिन पायलट ले सकते हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि इसी साल उदयपुर में कांग्रेस की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि एक शख्स के पास एक ही पद रहेगा। दिग्विजय सिंह ने मध्यप्रदेश का उदाहरण देते हुए कहा था कि कमलनाथ को एक पद छोड़ना पड़ा था। ऐसे में अशोक गहलोत को इस्तीफा देना होगा।