बिलासपुर । अस्पताल में प्रसव पीड़ा के दौरान डिलीवरी के लिए भर्ती होने वाली महिलाओं व उनके परिजनों से पैसे की मांग करने वाले तीन कर्मचारियों का एक विडिओ वायरल हुआ था। जिला कलेक्टर अवनीश कुमार ने इसे गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच करने और कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए थे। इसके बाद सीएमएचओ डॉक्टर अनिल श्रीवास्तव ने कार्रवाई के लिए ज्वाइंट डायरेक्टर डॉक्टर जेपी आर्या को पत्र प्रेषित किया। इसके बाद संयुक्त संचालक ने कार्रवाई करते हुए परिजन से पैसा लेने पर स्टॉफ नर्स को निलंबित किया गया है। वहीं जीवनदीप समिति के अंतर्गत काम करने वाले दो कर्मचारियों की सेवा समाप्त कर दी गई है।
सीएमएचओ डॉ. अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि बिल्हा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से शिकायत मिली थी कि वहां संचालित 50 बिस्तर के मातृ शिशु अस्पताल में उपचार करने वाली प्रसूता और उनके परिजनों से पैसे की मांग की जाती है। इस संबंध में शिकायत के साथ एक वीडियो भी प्राप्त हुआ। इसमें एमसीएच में कार्यरत स्टॉफ नर्स संध्या तिग्गा के द्वारा बच्ची के जन्म होने पर उसके परिजन से पैसे लेती हुई नजर आ रही है। जो सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के विपरित है। ऐसे में स्टॉफ नर्स संध्या तिग्गा को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन की अवधि में इनका मुख्यालय जिला अस्पताल बिलासपुर किया गया है। इसके साथ ही खण्ड चिकित्सा अधिकारी बिल्हा द्वारा जीवनदीप समिति में कार्यरत उदल पटारे और सीता बाई पर भी पैसा लेने पर कार्रवाई करते हुए दोनों को सेवा से पृथक किया गया है।