शाही लीची के लिए विश्व में प्रसिद्ध होने वाला मुजफ्फरपुर जिला फिर से चर्चा में है। चुनावी रण में भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला है।  मुजफ्फरपुर क्रांतिकारी खुदी राम बोस, साहित्यकार देवकी नंदन खन्नी, रामबृक्ष बेनीपुरी, जानकी वल्लभ शास्त्री की स्थली रही है। दिग्गज जॉर्ज फर्नांडिस और कैप्टन जयनारायण प्रसाद निषाद जैसे नेताओं ने मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। इस बार भारतीय जनता पार्टी ने वर्तमान सांसद अजय निषाद को टिकट नहीं दिया। भाजपा ने विकासशील इंसान पार्टी छोड़कर आए राजभूषण चौधरी को चुनावी मैदान में उतारा है। अजय निषाद ने टिकट के लिए कांग्रेस का हाथ थाम लिया। इस बार दोनों के बीच टक्कर है। 2019 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अजय निषाद को 659833 मत मिले थे। इस तरह से वीआईपी उम्मीदवार राजभूषण चौधरी निषाद को 4 लाख 8 हजार 237 मतों के अंतर से हार झेलनी पड़ी थी।

वोटरों से उनके मन की बात पूछी जा रही
इस समय 'अमर उजाला' का चुनावी रथ 'सत्ता का संग्राम' भी बिहार में है और अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत मुजफ्फरपुर में लोगों से बातचीत करने के लिए पहुंच चुका है। शहर केधर्मशाला मोतीझील रोड के पास चाय पर चर्चा के बहाने वोटरों से उनके मन की बात पूछी गई। चाय की चुस्की के साथ मुजफ्फरपुर लोकसभा सीट के मतदाताओं ने स्मार्ट सिटी, जाम, रोजगार, जलजमाव पर बात की।