''होटल मालिक प्रदीप रघुवंशी की जिम में कसरत करते समय हृदय गति रुकने से मौत'' देश में हार्टफेल होने के मामले शहर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। गुरुवार को इंदौर में एक होटल मालिक प्रदीप रघुवंशी की जिम में कसरत करते समय हृदय गति रुकने से मौत हो गई। इससे पहले दिसंबर में शहर के  एक दूध व्यवसायी की दूध बांटते समय इसी तरह मौत हो गई थी। जबलपुर में एक बस चालक को दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई और बस की टक्कर से भी एक व्यक्ति की जान चली गई थी। लगातार हार्टफेल होने के मामले बढ़ने पर हमने इंदौर के ख्यात हृदय रोग विशेषज्ञों से बात की तो उन्होंने कहा कि 40 साल से ज्यादा की उम्र के लोगों को हैवी एक्सरसाइज करने से बचना चाहिए। जिस एक्सरसाइज को करते समय आप वाक्य पूरा बोल सकें, वह आदर्श व्यायाम है। प्रति सप्ताह 150 से 300 मिनिट तक का व्यायाम शरीर को तंदुरुस्त रख सकता है।

कसरत के वक्त होड़ न लगाएं
इंदौर के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. गिरीश कवठेकर इस बारे में कहते है कि आजकल यह देखने में आता है कि अपने बच्चे को जिम में बॉडी बनाते देख उम्रदराज पिता भी बॉडी बनाने के चक्कर में पड़ जाते हैं और कई बार ऐसे प्रयास जानलेवा साबित होते हैं। ज्यादा उम्र के लोग कसरत खुद को फिट रखने और वजन कंट्रोल करने के लिए करें, होड़ नहीं लगाएं।

हिस्ट्री जाने बगैर जिम में प्रवेश न दें, डिफिब्रिलेटर लगाएं
कार्डियोलॉजिस्ट ए. के. पंचोलिया का कहना है कि जिम में ट्रेनरों का प्रशिक्षण काफी जरूरी है। 35 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों की मेडिकल हिस्ट्री जिम ट्रेनरों को जानना चाहिए। यदि परिवार में पहले किसी की हार्ट अटैक से मौत हुई हो या डायबीटिज, ब्लड प्रेशर की समस्या हो तो उन्हें हल्की एक्सरसाइज करना चाहिए। जिम में आटोमैटिक एक्सटर्नल डिफिब्रिलेटर(defibrillator) लगे होना चाहिए, ताकि हृदय गति रुकने पर तत्काल शॉक दिया जा सके। आजकल बड़े होटलों और विमानतलों पर इसे लगाया जाता है।

नियमित जांच कराना चाहिए
इंदौर के मशहूर हार्ट सर्जन डॉ.मनीष पोरवाल कहते है कि हार्ट अटैक कई बार शरीर को संकेत देते है। सीने में दर्द, बाएं हाथ में तेज दर्द जैसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। ईसीजी, शुगर, बीपी की जांच में ज्यादा खर्च नहीं होता। इसे कराते रहना चाहिए।

व्यायाम के समय लिक्विड भी लेते रहें
लोगों की बदली जीवनशैली के बारे में डॉ. भरत रावत कहते है कि व्यायाम करते समय लिक्विड भी लेना चाहिए। यदि लोग सप्ताह भर में डेढ़ सौ मिनिट से कम कसरत करते है तो वह शरीर के लिए फायदेमंद नहीं रहती और 300 मिनिट से ज्यादा की कसरत भी नुकसान पहुंचा सकती है। एक्सरसाइज की वजह होना चाहिए। बॉडी बिल्डर, एथिलिट व खिलाड़ी देर तक कसरत करते हैं और उनके ट्रेनर प्रशिक्षित रहते हैं। जिम में जो ट्रेनर होते है, उन्हें बेसिक सीपीआर (कार्डियो पल्मोनरी रिससिटैशन) आना चाहिए, ताकि जिम में अटैक आने पर संबंधित व्यक्ति की जान बचाई जा सके।

हार्टअटैक कोरोना की वजह से तो नहीं..?
यह सवाल अक्सर लोगों के मन में उठता है, लेकिन विशेषज्ञों को इसे लेकर अलग-अलग मत है। कोई कोविड वैक्सीन को इसकी वजह मानता है। कोरोना के मामलों के जानकार डॉ. रवि दोशी का कहना है कि कोरोना के दौरान कई लोगों की मौतें दिल का दौरा पड़ने की वजह से हुई, क्योंकि वायरस ब्लड क्लॉट बनाता है। संतुलित व्यायाम से ऐसे जोखिम से बचा जा सकता है।