रायपुर ।  छत्तीसगढ़ की षष्ठम विधानसभा का प्रथम सत्र मंगलवार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रारंभ हो गया। 19 से 21 दिसंबर तक चलने वाले तीन दिवसीय सत्र के पहले दिन प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम ने नव निर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई। सत्र के पहले दिन विधानसभा के सभी 90 नव निर्वाचित विधायकों ने शपथ ली। प्रोटेम स्पीकर रामविचार नेताम ने सबसे पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शपथ दिलवाई। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने छत्‍तीसगढ़ी में शपथ ली। इसके बाद उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत को शपथ दिलवाई गई। अधिकांश विधायकों ने हिंदी में शपथ ली, जबकि उप मुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा, नेता प्रतिपक्ष डा. चरणदास महंत सहित कई विधायकों ने छत्‍तीसगढ़ी में शपथ ली। कांग्रेस की विधायक विद्यावती सिदार और प्रेमचंद पटेल ने संस्कृत में शपथ ली। इससे पहले सत्र के प्रथम दिवस सभी नव निर्वाचित विधायकों का मुख्य गेट पर पुष्प-गुच्छ देकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर विधानसभा परिसर में छत्तीसगढ़ की लोक कला और लोक संस्कृति पर केंद्रित लोक नृत्यों की छटा भी देखने को मिली। नए सदस्यों के स्वागत के लिए विधानसभा परिसर को फूल माला और रंगोली से सजाया गया है। विधानसभा चौक का नए तरीके से सौंदर्यीकरण किया गया है। विधानसभा परिसर को लोककला और लोक संस्कृति युक्त चित्रों से सजाया गया है।

रमन सिंह को निर्विरोध चुना जाएगा विधानसभा अध्यक्ष

शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा अध्यक्ष के रूप में केवल एक नामांकन पत्र होने कारण पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह को निर्विरोध विधानसभा अध्यक्ष चुना जाएगा। वहीं 20 दिसंबर को सुबह 11.00 बजे राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन का अभिभाषण होगा। 21 दिसंबर को राज्यपाल के अभिभाषण पर कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर चर्चा, वित्तीय कार्य के साथ अन्य शासकीय कार्य किए जाएंगे।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सरकार के पहले सत्र में 10 हजार करोड़ का अनुपूरक बजट पेश हो सकता है। यह अनुपूरक बजट तीन योजनाओं के लिए होगा। इनमें किसानों के दो साल के बकाया बोनस के लिए 2500 करोड़ रुपये, प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए तीन हजार करोड़ रुपये और महतारी वंदन योजना के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रविधान हो सकता है।

चाक-चौबंद व्यवस्था, आने-जाने वालों पर रहेगी नजर

लोकसभा भवन की सुरक्षा में हुई चूक के बाद राज्य विधानसभा की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विधानसभा परिसर और मार्ग में 600 से अधिक जवान तैनात हैं। विधानसभा में सत्र अवधि के दौरान सुरक्षा की चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है। केवल प्रवेश पत्रधारी लोगों को ही विधानसभा परिसर में प्रवेश की पात्रता रहेगी।

प्रवेशपत्र धारकों को अपने संस्थान का परिचय पत्र या आधार कार्ड रखना आनिवार्य होगा। विधानसभा परिसर और सभी दीर्घाओं में सुरक्षा कर्मियों द्वारा कड़ी नजर रखी जाएगी। विधायकों को ही वीआइपी गेट तक जाने की अनुमति होगी। विधायकों के कार्यकर्ता और स्वजन के लिए विधान सभा परिसर स्थित प्रेक्षागृह में बड़ी स्क्रीन लगाकर सदन की सीधी कार्यवाही देखने की व्यवस्था की गई है। उनका प्रवेश गेट क्रमांक एक से होगा।