जिंदगी में कामयाबी का एकमात्र रास्ता कड़ी मेहनत ही है. लेकिन कई बार लोगों को उसमें भी नहीं सफलता मिलती है. जिसके कारण कई लोग निराश हो जाते हैं. आचार्य चाणक्य ने इसे लेकर चाणक्य नीति में बताया है कि मनुष्य में कई ऐसी खराब आदतें हैं, जो उन्हें कामयाब होने से रोक देती हैं. मनुष्य को अपनी इन आदतों को तुरंत छोड़ देना चाहिए.

इन आदतों का कर दें त्याग

चाणक्य नीति के मुताबिक, मनुष्य को अपने पास उपलब्ध धन का इस्तेमाल बहुत सोच-समझकर करना चाहिए.जो लोग दूसरों को नुकसान पहुंचाने के लिए पैसों का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं, उनकी छवि एक कपटी इंसान की बन जाती है. ऐसे इंसानों से मां लक्ष्मी भी दूर हो जाती हैं.चाणक्य नीति के अनुसार, इंसान को भेदभाव की भावना कभी नहीं रखनी चाहिए. जो लोग इस तरह की गलत सोच को रखते हैं, वे जीवन में कभी कामयाब नहीं हो पाते.

चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोग खुद के अहंकार में जीते हैं, जिसके चलते बाकी लोग उनसे किनारा काट लेते हैं. इस तरह के मनुष्यों को समाज में कभी सम्मान नहीं मिलता.इंसान को बुरी संगत का साथ कभी नहीं पालना चाहिए. ऐसी संगत इंसान को केवल बुराई और पतन के रास्ते पर ही ले जाती है.गलत संगत से आज तक किसी का भी भला नहीं हुआ है. ऐसे साथ की वजह से वह परिवार और मित्र-रिश्तेदारों का समर्थन भी खो बैठता है.आचार्य चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को लालच और गुस्से से दूर रहना चाहिए. ये दोनों इंसान के सबसे बड़े दुश्मन हैं. इसलिए इनसे बचना चाहिए.