सौ रुपये के स्टांप पर जोया टोल की वसूली के खेल में फंसी तीन कंपनियों पर सुनवाई के बाद एडीएम वित्त एवं राजस्व सुरेंद्र सिंह ने सात करोड़ चार लाख 17 हजार 240 रुपये का जुर्माना लगाया है।

जुर्माने की रकम एक माह के अंदर जमा करने के निर्देश दिए हैं। जिन कंपनियों पर अर्थदंड डाला गया है, उनमें से किसी ने एक साल के लिए टोल वसूली का ठेका लिया था तो किसी ने तीन माह का। स्टांप चोरी कर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगाया था। तीनों ही कंपनियां अलग-अलग राज्यों की हैं।

महाराष्ट्र के ठाणे की मैसर्स ईगल इंफ्रा इंडिया लिमिटेड ने 23 जून 2016 से 22 जून 2017 तक के लिए जोया टोल प्लाजा पर वसूली के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण से अनुबंध किया था। यह सालभर के लिए 56 करोड़ 86 लाख 74 हजार 990 रुपये में 100 रुपये के स्टांप पर हुआ था। इसमें कंपनी ने एक करोड़ 13 लाख 73 हजार 400 रुपये की स्टांप चोरी की थी।

सहायक महानिरीक्षक निबंधन की जांच में उसकी पुष्टि हुई थी। तब से यह मामला एडीएम कोर्ट में विचाराधीन था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कंपनी को स्टांप ड्यूटी चोरी का दोषी माना और तीन करोड़, 41 लाख 20 हजार 200 रुपये जुर्माना लगाया है। इसके अतिरिक्त विलेख के निष्पादन की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक कम स्टांप की धनराशि पर 1.5 प्रतिशत प्रति माह की दर से ब्याज वसूलने के निर्देश दिए है।

30 दिन का समय धनराशि जमा करने के लिए कंपनी को दिया गया है। इसके अलावा मुंबई के सुरेंद्र कुमार शुक्ला ने 11 अक्टूबर 2018 से 11 जनवरी 2019 तक टोल वसूली के लिए करार किया था। यह अनुबंध 14 लाख 63 हजार 999 रुपये में तीन माह के लिए था।

सहायक महानिरीक्षक निबंधन की जांच में पता चला था कि उन्होंने कम स्टांप पर अनुबंध कर 36 लाख 30 हजार 620 रुपये की स्टांप ड्यूटी चोरी की। इस प्रकरण में सुनवाई के बाद एडीएम कोर्ट ने कंपनी पर 1 करोड़ 8 लाख 91 हजार 860 रुपये जुर्माना लगाया है।

वहीं, इंदौर की मैसर्स प्रकाश असफल्टिंग एंड टोल हाईवे इंडिया लिमिटेड ने 12 फरवरी 2019 से 15 मई 2019 तक प्राधिकरण से अनुबंध किया था। यह 15 लाख 51 हजार रुपये में हुआ था। इसमें भी कंपनी ने 84 लाख 68 हजार 460 रुपये की स्टांप चोरी की थी। इस मामले में एडीएम कोर्ट ने कंपनी को 2 करोड़ 54 लाख 5 हजार 80 रुपये अर्थदंड डाला है।