प्रयागराज । वैष्णव किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर हिमांगी सखी मां ने कहा कि समय की मांग को देखते हुए अखाड़ों की संख्या बढ़ाकर 15 की जानी जाहिए। इसमें किन्नर अखाड़ा और वैष्णव किन्नर अखाड़े को भी मान्यता मिलनी चाहिए। आदिशंकराचार्य ने सर्वप्रथम चार अखाड़ों का ही गठन किया था। बाद में जरूरत को देखते हुए इसकी सख्या आठ हुई, फिर 12 हुई और अब यह संख्या 13 तक पहुंच गई है। किन्नर अखाड़ों को मान्यता देते हुए अखाड़ों की संख्या अब 15 की जानी चाहिए। हिमांगी सखी मंगलवार को प्रेसक्लब में पत्रकारों से बातचीत कर रही थीं। 

महाकुंभ में अर्द्धनारीश्वर थाम का भी शिविर लगेगा
उन्होंने कहा कि इस बार महाकुंभ में अर्द्धनारीश्वर थाम का भी शिविर लगेगा। किन्नर लोगों की सेवा करती हुई नजर आएंगी। अखाड़े में चिकित्सालय की व्यवस्था होगी। महाकुंभ में सफाई अभियान चलाया जाएगा। अलग-अलग भाषाओं में कथा, सत्संग और भागवत कथा का वर्णन किया जाएगा। सनातन धर्म के भटके युवाओं की महाकुंभ में घर वापसी की जाएगी। हमारे जो युवा और बच्चे अपना धर्म छोड़कर ईसाई और इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिए हैं उनको फिर से सनातन धर्म से जोड़ा जाएगा। इसके लिए देश विदेश के बड़ी संख्या में युवाओं को निमंत्रण भेजा गया है। 

किन्रर अखाड़ा पूरी तरह से एकजुट
हिमांगी सखी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि बंटेंगे तो कटेंगे। इसका अनुसरण करते हुए किन्रर अखाड़ा पूरी तरह से एकजुट है। किन्नर अखाड़े को लोग भले ही अलग-अलग अखाड़ा बनाकर रह रहे हों लेकिन हम सभी एकजुट हैं। कोई भी ताकत हमें अलग नहीं कर सकती है और हमारे बीच दरार पैदा नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि वैष्णव किन्नर अखाड़े की पेशवाई (नगर प्रवेश) 30 नवंबर को होगी। कहा कि सृष्टि के आरंभ में भगवान ब्रह्मा ने सबसे पहले किन्नरों की उत्पत्ति की थी।