रायपुर। विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के राष्ट्रीय पदाधिकारियों ने समान नागरिक संहिता लागू होने में देरी पर जमकर हल्ला बोला। राजधानी में चल रहे केंद्रीय प्रबंध समिति की राष्ट्रीय बैठक में पदाधिकारियों ने कहा कि एक देश में दो कानून नहीं चलेगा। संविधान लागू होने के 73 वर्ष बाद भी देश समान नागरिक संहिता लागू होने का इंतजार कर रहा है।

विहिप ने कहा- किसी धर्म विशेष का अपना अलग कानून क्यों ?

देश के भीतर एक धर्म विशेष के लोग अपने बनाए कानून को ही संविधान बताकर भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इससे सबसे बड़ा नुकसान महिलाओं और बच्चों को उठाना पड़ रहा है। वर्तमान दौर में समान नागरिक संहिता लागू करने की सख्त जरूरत है, ताकि सभी धर्म के लोग एक कानून के दायरे में आ सके। पत्नी, बच्चों के अधिकार, तलाक, वैवाहिक अधिकार और विवाह के लिए आयु संबंधी अधिकार किसी अन्य धर्म के लिए अलग नहीं हो सकता।

विहिप के केंद्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि सांसद और विधायक भारत के संविधान के प्रति सच्ची आस्था और निष्ठा रखने की शपथ लेते हैं, लेकिन वे संविधान लागू होने के 73 वर्षों में भारत के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता अधिकार लाने में विफल रहे हैं। एक धर्म विशेष द्वारा लगातार महिलाओं और बच्चों के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। यही कारण है कि अब राष्ट्रीय विधि आयोग ने भी आम लोगों से इस संदर्भ में सुझाव आमंत्रित किया है। 14 जुलाई तक हर नागरिक सुझाव दे सकते हैं। विहिप ने साफ तौर पर एलान किया है कि कुछ लोग भारतीय संविधान के अनुच्छेद-44 का घोर उल्लंघन कर रहे हैं।

मंदिर, लव-जिहाद पर आज चर्चा

मंदिरों को सरकारी अधिग्रहण से मुक्त कराना, लव-जिहाद के खिलाफ आंदोलन, गो-हत्या रोकने कड़े कानून और मतांतरण पर रविवार को चर्चा होगी। इन मुद्दों पर विभिन्न राज्यों के पदाधिकारी अपनी बात रखेंगे। केंद्रीय समिति की बैठक में देशभर के 41 प्रांतों के लगभग 200 पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं। विहिप के पदाधिकारियों ने कहा कि दक्षिण के मंदिर बड़ी संख्या में सरकारी अधिग्रहण के कब्जे में आ रहा है। मंदिरों का संचालन हिंदू समाज द्वारा होना चाहिए ना कि सरकार द्वारा।

छह महीने क्या करना है, आज बनेगी रणनीति

रविवार को प्रांत और आयाम के पदाधिकारियों की बैठक होगी। बैठक में विहिप अगले छह महीने की कार्ययोजना प्रस्तुत करेगा, वहीं प्रांत और आयाम के पदाधिकारी बीते छह महीने में हुए कार्यों की रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। बजरंग दल के शौर्य प्रदर्शन के साथ ही विहिप का हिंदुुत्व को लेकर घर-घर जनसंपर्क अभियान पर भी बात होगी।

मणिपुर में शांति बहाली की अपील

मणिपुर हिंसा पर विहिप ने सरकार से शांंति व्यवस्था बहाल करने की अपील की है। हिंसा पर चिंता जताते हुए पदाधिकारियों ने कहा कि हिंसा के दौरान हिंदुओं के दर्जनभर मंदिरों को क्षतिग्रस्त किया गया है। केंद्रीय समिति ने सरकार और समाज दोनों से मंदिरों के पुर्ननिर्माण की अपील की है।

भाजपा क्यों लागू नहीं कर पाई मतांतरण कानून

सीएम बघेल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि भाजपा केवल ईडी के भरोसे चुनाव लड़ना चाह रही थी। ईडी कामयाब नहीं हो सकी तो एक बार फिर पुराने पन्ने पलटने लगे हैं। मतांतरण को लेकर सांप्रदायिकता को मुद्दा बना रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सवाल इस बात का है कि 2006 में रमन सिंह की सरकार ने मतांतरण पर कानून लाया, वह आज तक लागू क्यों नहीं कर पाए। 2006 से 2018 तक उनकी सरकार थी। केंद्र में उनकी सरकार थी, फिर क्यों लागू नहीं कर पाए।

दूसरी बात मैं बार-बार कहता हूं उनके शासन में बहुत ज्यादा चर्च बने। मतांतरण उनके समय में ज्यादा हुआ है और हमारे समय में जो भी शिकायत मिली, उस पर कार्रवाई हुई। अभी चुनाव करीब है इसलिए मतांतरण का मुद्दा दिख रहा है। इसके अलावा और कोई मुद्दा नहीं है।