भोपाल ।  क्राइम ब्रांच के चंगुल से भागने वाला सोनू पचौरी बेहद शातिर बदमाश है। उसने रिवेयरा टाउनशिप में अपना एक गेस्ट हाउस बना रखा है। लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए वह बाहर से भोपाल आने वाले अपने दोस्त या परिचित को होटल के बजाय गेस्ट हाउस में रुकवाता था। वहां उनके आपत्तिजनक वीडियो बनाता था और फिर उनसे अड़ीबाजी और ब्लैकमेल किया करता है। उसके जाल में फंसे देवेश विदुआ एक सिविल कांट्रेक्टर हैं और मोबाइल टावर लगवाने का काम भी करते हैं। देवेश ने क्राइम ब्रांच में दर्ज कराई एफआइआर में बताया कि करीब दो साल पहले सोनू पचौरी से उनकी मुलाकात हुई थी। उसने खुद को एजल इन्वेस्टर बताकर परिचय दिया था। उस समय वह अयोध्या नगर में एक काल सेंटर चलाया करता था। बाद में उसने भोपाल, दिल्ली, मुंबई और दुबई, इंग्लैंड में उसके गेस्ट हाउस होने की जानकारी दी। उसके लाइफ स्टाइल और महंगी गाडियां देखकर वह उसके जाल में फंस गए।

क्रेसर लगाने के लिए 40 लाख रुपये मांगे थे सोनू से

देवेश ने बताया कि उन्हें क्रेसर लगाने के लिए रुपयों की जरूरत थी। वह उसकी बातों में फंस गए। उन्होंने सोनू पचौरी से ब्याज पर 40 लाख रुपये मांगे थे, जो बाद में उसने दे दिए और बदले में उनसे बिना तारीख लिखे हुए चेक हस्ताक्षर कराकर और दस्तावेज के नाम पर कुछ खाली स्टांप पेपर लेकर रख लिए थे। आरोपित सोनू पचौरी ने पीड़ित को ऐसा लालच दिया था कि वह उसे भगवान समझने लगे थे। वह सोनू के कहने पर अपने परिचित और रिश्तेदारों को आरोपित के रेस्ट हाउस में रुकवाने लाने लगे थे। करीब 15 दिन पहले शिकायतकर्ता ने सोनू से निवेश के बारे में बात की तो उसने उन्हें धमकाना शुरू कर दिया और कहा कि उनके परिचितों, रिश्तेदारों की आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीरें उसके पास हैं। इसके बाद धमकाकर वह उनसे दो करोड़ रुपये की मांग करने लगा। इसके बाद क्रेसर भी अपने नाम कराने की धमकी देने लगा।

कर्मचारियों के नाम पर सिम देने का बना रहा था दबाव

देवेश ने बताया कि सोनू पैसों के अलावा फर्जी सिम की मांग भी करने लगा। उसने पीड़ित से कहा कि कर्मचारियों के नाम पर फर्जी सिम निकलवा कर उन पर पेटीएम, फोनपे, गूगल से सक्रिय करके उसे दे दें। उनसे बैंक खाते भी खुलवाने की बात कही। ऐसा नहीं करने पर वीडियो को इंटरनेट मीडिया पर बहुप्रसारित करने की धमकी देता था। धमकियों से घबराकर यह बात देवेश ने रिश्तेदार को बताई। तब उनके सामने सोनू पचौरी की पूरी हकीकत सामने आई कि वह कारोबारी नहीं, बल्कि व्यापमं मामले का मुख्य आरोपित है। उसके बाद उन्होंने क्राइम ब्रांच में शिकायत की।