सनातन धर्म में महर्षि नारद को उच्च स्थान प्राप्त है। नारद जी को प्रभु श्री विष्णु का परम भक्त एवं ब्रह्म देव का मानस पुत्र माना गया है। कई धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, नारद जी को इस ब्रह्मांड का पहला पत्रकार भी माना जाता है।नारद जी समस्त वेदों के ज्ञाता माने जाते हैं। हिन्दू परंपरा में नारद जी के जन्मोत्सव को नारद जयंती के तौर पर मनाया जाता है।

कब है नारद जयंती 2023?
नारद जयंती का पर्व ज्येष्ठ माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि के दिन मनाया जाता है। इस वर्ष ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ 5 मई, दिन शुक्रवार (शुक्रवार के उपाय) को प्रातः 11 बजकर 3 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन 6 मई, दिन शनिवार को रात 9 बजकर 52 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, नारद जयंती 6 मई को मनाई जाएगी।

नारद जयंती 2023 का महत्व:-
मान्यता है कि नारद जयंती के दिन देवर्षि नारद की पूजा करने या उनका स्मरण मात्र करने से और उनके नाम का जाप करने से पेशेवर जीवन में बहुत से सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। नौकरी में तरक्की होती है, कार्यस्थल पर मान-सम्मान बढ़ता है, आय में वृद्धि होती है, नौकरी में सफलता मिलती है तथा उच्च स्थान की प्राप्ति भी होती है। नौकरी की बाधाएं दूर होती हैं।