राज्य सरकार मेट्रो, रैपिड रेल और छोटे शहरों में ट्रांजिट इंटरवेंशन जैसे मेट्रो नियो वाले क्षेत्रों में आधुनिक शहर बसाने जा रही है। इन क्षेत्रों में आवासीय व व्यवसायिक जैसी योजनाएं लाने वालों को प्रोत्साहन दिया जाएगा। इसके लिए उत्तर प्रदेश ट्रांजिट ओरिएंटेड विकास नीति-2022 (टीओडी) को मंजूरी दे दी गई है। इससे रोजगार के रास्ते भी खुलेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला हुआ। देश में तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण के सुनियोजित विकास एवं अवस्थापना सुविधाओं का बेहतर उपयोग करने के लिए केंद्र सरकार ने नेशनल ट्रांजिट ओरिएंटेड डवलपमेंट नीति जारी की है। राज्यों को इसके आधार पर टीओडी नीति बनानी है। राज्य सरकार यूपी में विविध वृहद मास ट्रांजिड परियोजनाओं पर काम करा रही है। इसमें लखनऊ, कानपुर, आगरा, मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा व ग्रेटर नोएडा में मेट्रो रेल और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में रीजनल रैपिड ट्रांजिट यानी रैपिड रेल परियोजना पर काम चल रहा है। छोटे शहरों में अन्य ट्रांजिट इंटरवेशन जैसे मेट्रो नियो पर जल्द काम शुरू होने वाला है।

ट्रांजिट जोन के लिए काम करने वाली कंपनियों को आसपास के जमीनों पर कम जमीन पर बहुमंजिला इमारत बनाने का मौका दिया जाएगा। इसके लिए दो श्रेणियां तय की गई हैं। दस हजार वर्ग मीटर तक की जमीनों पर अविकसित क्षेत्र में 3.5 फ्लोर एरिया रेशियो (टीओडी- एफएआर) दिया जाएगा। सामान्यत: 1.5 एफएआर दिया जाता है। इतने में ढाई मंजिला इमारतें बनाई जाती हैं। अतिरक्त दिए जाने पर और अधिक ऊंची इमारतें बनेंगी। विकसित क्षेत्र में 3 टीओडी- एफएआर व घनी आबादी वाले क्षेत्रों में 2.5 टीओडी- एफएआर दिया जाएगा। दस हजार से अधिक जमीन पर 12 मीटर चौड़ी सड़क पर 3.5 टीओडी- एफएआर, 12 से 18 मीटर चौड़ी सड़क पर 4 टीओडी- एफएआर और 18 मीटर से अधिक चौड़ी सड़क वाले क्षेत्रों में 5 टीओडी- एफएआर दिया जाएगा।