भोपाल। मध्य प्रदेश में इस बार के विधानसभा चुनाव में युवा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। चुनाव में युवा ‘तुरुप का इक्का’ बनेंगे। युवा शक्ति से ही सत्ता मिलेगी। चुनावी मैदान में युवा चेहरा अधिक दिखेंगे। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टी युवाओं को टिकट देने में तरजीह देगी। वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी में युवा विधायकों की संख्या दो दर्जन से कम है। लेकिन 2023 के चुनाव में पार्टी करीब 70 चेहरे बदलने की तैयारी में है। 50 से अधिक नए युवाओं को टिकट की भाजपा ने प्लानिंग की है। भाजपा प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी ने कहा कि युवाओं की चिंता सिर्फ भाजपा करती है। सरकार से लेकर संगठन में युवाओं को तबज्जों दी जाती है। आगे भी युवाओं को तबज्जों दी जाएगी। पार्टी के अनुभव का लाभ युवाओं को मिलता है। कांग्रेस तो ढोर चराने और बैंड बजाने की ट्रेनिंग देती है।
वहीं कांग्रेस में युवा विधायकों की संख्या करीब 30 है। इस बार के चुनाव में जयपुर में हुए अधिवेशन का असर दिखेगा। कमलनाथ के सर्वे में कई दर्जन युवा पहले नंबर पर हैं। ऐसे में कांग्रेस युवाओं को ज्यादा टिकट देकर सरप्राइज कर सकती है। कांग्रेस प्रवक्ता अब्बास हफीज ने कहा कि कांग्रेस ने हमेशा युवाओं को आगे बढ़ाया है और आगे भी बढ़ाएगी। सरकार में सबसे अधिक मौका युवाओं को दिया गया था।


युवाओं को टिकट देने के फायदे
 नए चेहरों से पूर्वाग्रह नहीं जुड़ा होना, एक बार मौका देने की प्रवत्ती का मिलेगा फायदा, सोशल मीडिया पर पार्टी होगी मजबूत, निष्क्रिय संगठन में आएगी जान, पढ़े-लिखे, साफ-सुधरे कैंडिडेट से पार्टी में सुधार होगा।
युवा नेता होंगे तो युवाओं के बीच पार्टी की विचारधारा फैलाने में आसानी होगी।


युवा मतदाताओं का समीकरण
मध्य प्रदेश में अभी 18 से 39 साल के युवा मतदाताओं की संख्या लगभग 2.89 करोड़ है। जो कुल मतदाताओं का तकरीबन 53 फीसदी है। प्रदेश में कुल मतदाताओं की संख्या- 5 करोड़, 43 लाख, 77 हजार 95 है।
19 साल तक- 14 लाख 57 हजार 775 वोटर
20 से 29 साल- 1 करोड़ 31 लाख, 93 हजार 816 वोटर
30 से 39 साल- 1 करोड़ 44 लाख, 2 हजार वोट
40 से 49 साल- 1 करोड़, 6 लाख ,72 हजार, 282 वोटर