भोपाल । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाए जाने को लेकर कमल नाथ चर्चा में आने पर उन्होंने कहा कि मेरी इसमें रुचि नहीं है। मैं मध्य प्रदेश में ही रहूंगा। वे इसके पहले भी कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वे मध्य प्रदेश में रहेंगे। उधर, उन्होंने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां तेज कर दी हैं। इस संबंध में गुरुवार को प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सभी विधायक, जिला प्रभारी, जिला अध्यक्ष और शहर अध्यक्षों की बैठक बुलाई गई। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, डा.गोविंद सिंह, कांतिलाल भूरिया, सुरेश पचौरी अरुण यादव, अजय सिंह सहित वरिष्ठ नेता हिस्सा लिया।अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में जिला प्रभारियों की भूमिका महत्वपूर्ण रहेगी। प्रदेश कांग्रेस इन्हें ताकतवर बनाने का काम कर रही है। जिला और शहर अध्यक्षों के साथ-साथ प्रत्याशी चयन में इनकी भूमिका रहेगी। जिले में जातिगत समीकरण को ध्यान में रखकर कार्यक्रम बनाने, सहयोगी संगठनों के बीच समन्वय बनाकर संगठन की गतिविधियों को बढ़ावा देने का काम भी प्रभारी देखेंगे। बैठक में प्रभारियों की भूमिका, इनके दायित्व और पार्टी की अपेक्षा के बारे में चर्चा की गई। इसके साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव के लिए संगठन को तैयार करने के लिए मतदान केंद्र स्तर पर गतिविधियां बढ़ाने की कार्ययोजना बनाई गई।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने बैठक से पूर्व मीडिया से चर्चा में कहा कि हमारा मुकाबला भाजपा के नेताओं से नहीं बल्कि उनके संगठन से है। संगठन को हमें मजबूत बनाना होगा। इसमें ऐसे लोगों को महत्वपूर्ण भूमिका दी जाएगी, जो पूरा समय पार्टी को दे सकें। प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में दो सौ से पौने तीन सौ तक मतदान केंद्र होते हैं। एक अकेला जिला अध्यक्ष चार-छह विधानसभा क्षेत्रों को नहीं देख सकता है, इसलिए प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। ये अपना समय जिले में संगठन को मजबूत बनाने के लिए देंगे।
मुरैना के अध्यक्ष राकेश मावई के जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर उन्होंने कहा कि विधायकों ने चार-पांच माह पूर्व आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के मद्देनजर संगठन के दायित्वों से मुक्त करने की इच्छा जताई थी। कुछ विधायकों ने जिला अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। इनके स्थान पर नए अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे।