भोपाल । पिछले चार महीने से मांगलिक कार्यों पर लगा ब्रेक 23 नवंबर को हटेगा देव उठनी ग्यारस से भगवान विष्णु निद्रा से जागेंगे और सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों का श्रीगणेश होगा। इस माह में मुहूर्त काफी कम है , इसलिए देवउठनी ग्यारस पर बड़ी संख्या में वैवाहिक आयोजन होंगे और हजारों जोड़े परिणय सूत्र में बंधेंगे। नवम्बर और दिसम्बर के दो महीने में 12 - 13 दिन विवाह के शुभ मुहूर्त है।
देवउठनी एकादशी का हिंदू धर्म में खास महत्व है। इस दिन देवता जागृत होते हैं और चातुर्मास का समापन होकर शुभ मुहूर्त काल का आरंभ माना जाता है।  देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को मनाई जाएगी , देवउठनी एकादशी को एक अबूझ मुुहुर्त माना जाता है और इस दिन से शादी, ब्याह और सभी शुभ कार्य आरंभ हो जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवउठनी एकादशी के दिन से सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु और समस्त देवता 4 महीने की योग निद्रा से जागते हैं और अपना-अपना कार्यभार ग्रहण कर लेते हैं। देवताओं के जागने के बाद ही सभी शुभ कार्य किए जाते हैं। प्रारम्भ होनी वाली शादियों के लिए मैरिज रिसोर्ट, होटल, केटर्स, लाइट- फ्लावर डेकोरेशन, बैंड, डीजे सहित सभी की एडवांस बुकिंग शुरू हो चुकी है। वेंडिंग इंडस्ट्रीज से जुड़े कारोबारियों में उत्साह है। उन्हें उम्मीद है कि मुहूर्त को देखते हुए अच्छा व्यापार होगा। इसमें ज्वैलरी, कपड़े, फर्नीचर, व्हीकल सेगमेंट भी शामिल है। चुंकि 4 महिने मांगलिक कार्य नहीं होते है इस कारण दीपावली के बाद शुरू हुए इस सीजन को शुभ माना जाता है। सभी की प्री-बुकिंग हो चुकी है।
यह है देवउठनी एकादशी की तिथि और विवाह के शुभ मुहूर्त
देवउठानी एकादशी की तिथि का आरंभ 22 नवंबर को रात में 11 बजकर 3 मिनट पर होगा और समापन 23 नवंबर को रात में 9 बजकर 1 पर मिनट पर होगा। इस प्रकार देवउठनी एकादशी का व्रत 23 नवंबर को गुरुवार को रखा जाएगा। व्रत का पारण 24 नवंबर को सुबह 6 बजे से 8 बजकर 13 मिनट तक करना शुभ होगा। वहीं नवम्बर में 24, 27,28 व 29 नवम्बर और दिसम्बर में 3 , 4 , 5, 6 व 7 दिसम्बर और 13 से 15 दिसम्बर तक विवाह के शुभ मुहूर्त पंचांगों में बताएं गए हैं। देव उठनी ग्यारस पर शहर के ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सामुहिक विवाह आयोजित किए जाएंगे।